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बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन के दौरान 650 लोगों की हुई मौत, सैकड़ों हुए घायल; संयुक्त राष्ट्र की टीम करेगी दौरा

Bangladesh Violence बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन में हुई हिंसा की भयावहता अब सामने आने लगी है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने बांग्लादेश के संबंध में शनिवार को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सार्वजनिक की जिसमें बताया गया कि 16 जुलाई से 11 अगस्त के बीच देश में हुई हिंसा के दौरान 650 लोगों की मौत हुई है। वहीं सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 17 Aug 2024 10:16 PM (IST)
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आंदोलन में शेख हसीना की पार्टी के नेताओं और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया। (Image- Reuters)

पीटीआई, जिनेवा। बांग्लादेश में 16 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक बने हिंसा और अराजकता के माहौल में करीब 650 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बांग्लादेश के संबंध में शनिवार को सार्वजनिक हुई प्रारंभिक रिपोर्ट में दी गई है।

रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश में 16 जुलाई से तीन अगस्त के बीच आरक्षण विरोधी आंदोलन में 400 लोग अकाल मौत के शिकार हुए, जबकि 250 लोग चार अगस्त से शुरू हुए शेख हसीना के इस्तीफे की मांग वाले आंदोलन में मारे गए। पांच अगस्त को हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा था और इस समय वह भारत में हैं।

अल्पसंख्यों को भी बनाया गया निशाना

इन मृतकों और घायलों में वे हिंदू अल्पसंख्यक भी शामिल हैं, जिन्हें आंदोलन के दौरान उपद्रवियों ने निशाना बनाया था। बांग्लादेश में उपद्रवियों के हमलों में दो हिंदुओं की मौत हुई थी और करीब 50 हिंदू घायल हुए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरदराज के इलाकों से जैसे-जैसे सूचनाएं आ रही हैं, वैसे-वैसे पता चल रहा है कि गांवों में भी हिंसा हुई और वहां पर कमजोर और अल्पसंख्यकों की मदद करने वाला कोई नहीं था।

हिंसक आंदोलन के दौरान मुख्य रूप में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेताओं और संपत्तियों को निशाना गया। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में भी दर्जनों लोग मारे गए हैं। बांग्लादेश के हालात की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का दल अगले सप्ताह आएगा और वह हिंसा से प्रभावित रहे इलाकों का दौरा करेगा।

कोलकाता हत्याकांड के विरोध में ढाका में छात्रों का प्रदर्शन

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में ट्रेनी डाक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या पर ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी विरोध जताया है। उन्होंने घटना के विरोध में कोलकाता समेत पूरे भारत में चल रहे विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है। ढाका विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने आवाज तोलो नारी (महिलाओं, आवाज उठाओ) का बैनर लेकर मार्च किया और घटना के प्रति अपना विरोध प्रदर्शित किया। प्रदर्शनकारी हाथों में दुष्कर्मी-हत्यारे को फांसी दो, क्या अब मेरा नंबर है..??, हिंसा बंद करो के नारे वाले पोस्टर भी लिए हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने विश्व में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा पर चिंता जताई।