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बांग्लादेश के मदरसों में बच्चों का हर तरह का उत्पीड़न, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तुरंत जरूरी कदम उठाए सरकार

कोर्ट ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर डालती हैं। अभिभावक बच्चों को पढ़ाने के लिए भेजने में झिझकने लगते हैं। इसलिए मदरसा समेत सभी शिक्षण संस्थाओं में होने वाले उत्पीड़न को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

By Neel RajputEdited By: Updated: Sun, 14 Mar 2021 10:02 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से अविलंब कदम उठाने को कहा

बांग्लादेश, आइएएनएस। बांग्लादेश के मदरसों में बड़े पैमाने पर शारीरिक, मानसिक ही नहीं यौन उत्पीड़न भी हो रहा है। यह बात बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने कही है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह छात्रों का सभी तरह का उत्पीड़न रोकने के लिए अविलंब कदम उठाए।

शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि अल मरकजुल कुरान इस्लामिक एकेडमी मदरसा के अधिकारियों को जिम्मेदार बनाकर कार्रवाई की जाए। हाथाजारी के मदरसा में एक छात्र की बर्बर पिटाई के मामले में अधिकारियों की रिपोर्ट के अध्ययन के बाद जस्टिस एफआरएम नजमुल अहसन और जस्टिस शाहेद नूरुद्दीन की पीठ ने सरकार के लिए कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर डालती हैं। अभिभावक बच्चों को पढ़ाने के लिए भेजने में झिझकने लगते हैं। इसलिए मदरसा समेत सभी शिक्षण संस्थाओं में होने वाले उत्पीड़न को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

ताजा मामले में चटगांव स्थित मदरसे में नौ मार्च को जन्मदिन पर बच्चे की मां उससे मिलने के लिए आई थी। यह बच्चा छात्रावास में रहते हुए पढ़ाई कर रहा था। उत्पीड़न से सहमा बच्चा अपनी मां के साथ आना चाहता था। तभी मुहम्मद याह्या नाम का मौलवी उसकी गर्दन पकड़कर उसे एक अन्य कमरे में ले गया और वहां जमीन पर डालकर बर्बरता से उसकी पिटाई की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आते लोगों का गुस्सा भड़क उठा और वे कार्रवाई की मांग करने लगे। इसके बाद बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया और याह्या को गिरफ्तार किया गया।