Nepal Earthquake: पश्चिमी नेपाल पर क्यों मंडरा रहा बड़े भूकंप का खतरा? भूकंपविज्ञानी से जानें क्या है इसकी वजह
Nepal Earthquake भूकंपवैज्ञानी ने कहा कि पश्चिमी नेपाल के गोरखा (जिला) से लेकर भारत के देहरादून तक टेक्टोनिक हलचल के कारण बहुत सारी ऊर्जा जमा हो गई है। इसलिए ऊर्जा जारी करने के लिए इन क्षेत्रों में छोटे या बड़े भूकंप आना सामान्य बात है।
पीटीआई, काठमांडू। Nepal Earthquake नेपाल में बीती रात आए भीषण भूकंप के चलते 143 लोगों की मौत हो गई है। काठमांडू से 500 किमी की दूरी पर जाजरकोट जिले में 6.4 तीव्रता से आए भूकंप में सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं। एक महीने के अंदर नेपाल में तीन बार भूकंप आया है।
नेपाल में आखिर इतना भूकंप (Nepal Earthquake) क्यों आता है और इसके पश्चिमी हिस्से में बड़े भूकंप के आने का खतरा क्यों मंडरा रहा है, आइए भूकंपविज्ञानी की जुबानी जानें...
नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ भूकंपविज्ञानी भरत कोइराला ने कहा कि खतरनाक हिमालयी भूकंपीय क्षेत्र पर बसे नेपाल एक अत्यधिक भूकंप-संभावित देश है और इसके भूकंप प्रभावित पश्चिमी पर्वतीय क्षेत्र में बड़े भूकंप का खतरा है।
11वां सबसे अधिक भूकंप संभावित देश है Nepal
आपदा के बाद की जरूरतों के आकलन (पीडीएनए) रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल दुनिया का 11वां सबसे अधिक भूकंप संभावित देश है।
बीती रात नेपाल के पश्चिमी पर्वतीय क्षेत्र में आया शक्तिशाली भूकंप भी कोई पहला नहीं था। बता दें कि 2023 में देश में 70 से अधिक भूकंप आ चुके हैं।
नेपाल में भूकंप आना आम बात
कोइराना की मानें तो लंबे समय से भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच टकराव हो रहा है, जिससे जबरदस्त ऊर्जा जमा हुई है। नेपाल इन दो प्लेटों की सीमा पर स्थित है और इसलिए अत्यधिक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है। इसलिए नेपाल में भूकंप आना आम बात है।
बड़े भूकंप के मुहाने पर बैठा नेपाल
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कोइराला ने कहा कि पश्चिमी नेपाल बड़े भूकंपों के खतरे में है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले 520 वर्षों से पश्चिमी नेपाल में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है और इस कारण बहुत सारी ऊर्जा जमा हो गई है। यही कारण है कि नेपाल एक बड़े भूकंप के मुहाने पर बैठा है।
तेजी से बढ़ रही टेक्टोनिक हलचल
भूकंपवैज्ञानी ने कहा कि पश्चिमी नेपाल के गोरखा (जिला) से लेकर भारत के देहरादून तक, टेक्टोनिक हलचल के कारण बहुत सारी ऊर्जा जमा हो गई है। इसलिए, ऊर्जा जारी करने के लिए इन क्षेत्रों में छोटे या बड़े भूकंप आना सामान्य बात है।
भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के आंकड़ों से पता चलता है कि 1 जनवरी 2023 से अब तक नेपाल में 4 और उससे अधिक तीव्रता के कुल 70 भूकंप आए हैं। इनमें से 13 की तीव्रता 5 और 6 के बीच थी, जबकि तीन की तीव्रता 6 से ऊपर थी।
2015 में 9000 लोगों की गई थी जान
बता दें कि इससे पहले 2015 में नेपाल में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों में लगभग 9000 लोग मारे गए थे और लगभग 22,000 लोग घायल हुए थे। इस भूकंप से कुल 35 लाख लोग बेघर हो गए थे।