World Bank: गरीबी में जी रही है अफगानिस्तान की आधी आबादी, इकोनॉमिक मॉनिटर की रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक का दावा
अफगानिस्तान इकोनॉमिक मॉनिटर के रिपोर्ट में जनवरी से सितंबर 2023 तक यहां का कुल निर्यात 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो 2022 की तुलना में 0.5 प्रतिशत कम है। विशेषज्ञ कमी के कारण देश से कोयले का निर्यात नहीं करना और पड़ोसियों के साथ सीमा पर भी समस्याएं को बताया गया।
By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Fri, 03 Nov 2023 02:04 AM (IST)
एजेंसी, अफगानिस्तान। विश्व बैंक ने अफगानिस्तान को लेकर एक नया दावा किया है। अपने अफगानिस्तान इकोनॉमिक मॉनिटर के नए रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा है कि सभी अफगानों में से आधी आबादी गरीबी में जी रही है। उसने गुरुवार को टोलो न्यूज की रिपोर्ट को सही बताया।
रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2023 तक यहां का कुल निर्यात 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 2022 की तुलना में 0.5 प्रतिशत कम है। बता दें कि फिलहाल पाकिस्तान अफगानिस्तान का सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना हुआ है, जो कुल निर्यात का करीब 55 प्रतिशत है। इसके बाद 29 प्रतिशत के साथ भारत दूसरे स्थान पर है।
निर्यात में कमी के ये रहे प्रमुख कारण
अफगानिस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्वेस्टमेंट के डिप्टी खैरुद्दीन माईल की एक टिप्पणी भी सामने आई है। उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से इन नौ महीनों में हमारे निर्यात में कमी आई है और कमी का कारण यह है कि हमने देश से कोयले का निर्यात नहीं किया। वहीं, दूसरी ओर हमारे पड़ोसियों के साथ सीमा पर भी समस्याएं थीं।"टोलो न्यूज के मुताबित, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने एक बयान जारी कर चेतावनी दी है 22 देशों में गंभीर खाद्य असुरक्षा की स्थिति और खराब होने की संभावना है। अर्थशास्त्री सयार कुरैशी ने इस मुद्दे को लेकर कहा कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति का एक मुख्य कारण यहां के गणतंत्र के पतन और अंतरराष्ट्रीय सहायता के प्रतिबंध पिछले दो वर्षों में अर्थव्यवस्था में 25% कमी आई है। वित्त मंत्रालय ने देश में आर्थिक प्रगति के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा आर्थिक क्षेत्र पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने की आवश्यकता पर जोर दिया।