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Pakistan Turkey Relief Fund: पाकिस्तान कर रहा तुर्किये की मदद, बलूचिस्तान के अधिकारियों की काटी गई 50% सैलरी

तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप के चलते कई देश मदद के लिए आगे आए हैं। बलूचिस्तान सरकार के अधिकारियों के वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती की गई है। इस कटौती को लेकर कहा गया है कि उन्हें तुर्किये राहत सहायता में योगदान करने की आवश्यकता है।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Thu, 23 Feb 2023 12:01 PM (IST)
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तुर्किये की मदद के लिए पाकिस्तान के अकारियों की काटी गई सैलरी

इस्लामाबाद (पाकिस्तान), एजेंसी। तुर्किये और सीरिया में पिछले दिनों 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई शहर मलबे में तब्दील हो गए। पूरी दुनिया तुर्किये और सीरिया के लिए दुआ और मदद कर रही है और कई देश राहत सामग्री भेज रहे हैं। वहीं, कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने भी तुर्किये के लिए मदद भेजी है।

पाकिस्तान सरकार या प्रांतीय सरकारों द्वारा बिना किसी औपचारिक आदेश के बलूचिस्तान सरकार के अधिकारियों के इस महीने के वेतन में 50 प्रतिशत कटौती कर दी गई। तुर्की राहत सहायता में योगदान के नाम पर इनका आधा वेतन काट लिया गया।

तुर्किये की मदद के लिए की अपने वेतन में कटौती

द एशिया लाइट ने बताया कि बलूचिस्तान में ग्रेड 19 से 21 के अधिकारियों ने एकतरफा वेतन कटौती का विरोध किया है। उनका कहना है कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में 33 प्रतिशत की वृद्धि के कारण वे पहले से ही अपने परिवारों को खाना खिलाने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यही वेतन उनकी आय का एकमात्र स्रोत था। बिना किसी परामर्श के उन्हें उनकी जायज कमाई से वंचित नहीं किया जा सकता है।

दैनिक इंतेखाब की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों ने पूछा है कि क्या अन्य ग्रेड और प्रांतों के अन्य अधिकारियों को भी योगदान देने के लिए कहा गया था या यह बलूचिस्तान सरकार का फरमान था। वे इस सुझाव के साथ संघीय सरकार से अपील करने की योजना बना रहे हैं कि वे एक या दो दिन के वेतन का भुगतान कर सकते हैं, और वेतन में 50 प्रतिशत की भारी कटौती से बच सकते हैं।

पाकिस्तान ने तुर्किये भेजी 162 टन राहत सामग्री 

आर्थिक संकट के बीच शहबाज सरकार पुरजोर कोशिश में है कि वह दिखा सके कि संकट के समय वह पूरी तरह तुर्की के साथ है। पिछले साल पाकिस्तान में आई बाढ़ के दौरन तुर्की ने भी पाकिस्तान की मदद की थी। पाकिस्तान ने अब तक 162 टन की राहत सामग्री के 16 कंटेनर तुर्की भेजे हैं।

पीएम शहबाज शरीफ ने एलान किया था कि वह अंकारा जाएंगे और संकट के समय तुर्की के साथ एकजुटता दिखाएंगे। हालांकि, तुर्की सरकार ने शहबाज के इरादों पर पानी फेरते हुए उनसे अपना दौरा स्थगित करने को कहा है। शहबाज को संदेश भेजा गया कि अभी तुर्की आपदा से निपटने में जुटा हुआ है, ऐसे में उनका दौरा करना उचित नहीं होगा।

कुछ मीडिया रिपोर्टों ने इसे शरीफ के लिए एक 'अपमान' करार दिया है, जब उनकी अपनी सरकार संकट से जूझ रही है, तो उन्हें सद्भावना दिखाने के लिए समय, पैसा और प्रयास बर्बाद नहीं करना चाहिए।

इमरान खान ने स्वीकार किया था कि जब वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने विदेशी मेजबानों और मेहमानों से मिले महंगे उपहारों को रियायती दरों पर रखने या खरीदने की बात कही थी। इन उपहारों में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा उपहार में दी गई एक महंगी कलाई घड़ी भी शामिल थी।

एक मामला अदालत के समक्ष है जिसमें यह तर्क दिया गया है कि सरकारी नियमों के अनुसार, उन्हें उन उपहारों को सरकार के डिपॉजिटरी तोशखाना में जमा करना चाहिए था क्योंकि उन्होंने उन्हें अपने आधिकारिक पद पर प्राप्त किया था।

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