Katas Raj Temples: हिंदूओं के लिए खास महत्व रखता है पाकिस्तान का कटासराज मंदिर, दर्शन के लिए 55 तीर्थयात्री लाहौर पहुंचे
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित कटासराज मंदिरों के दर्शन के लिए भारत के 55 हिंदू तीर्थयात्री मंगलवार को वाघा बॉर्डर के रास्ते लाहौर पहुंचे। धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए दोनों देशों के द्विपक्षीय समझौते के तहत भारत से सिख और हिंदू तीर्थयात्री हर साल पाकिस्तान जाते हैं। वहीं पाकिस्तानी तीर्थयात्री भी इस समझौके के तहत हर साल भारत आते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 19 Dec 2023 06:50 PM (IST)
पीटीआई, लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित कटासराज मंदिरों के दर्शन के लिए भारत के 55 हिंदू तीर्थयात्री मंगलवार को वाघा बॉर्डर के रास्ते लाहौर पहुंचे। धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए दोनों देशों के द्विपक्षीय समझौते के तहत भारत से सिख और हिंदू तीर्थयात्री हर साल पाकिस्तान जाते हैं। वहीं, पाकिस्तानी तीर्थयात्री भी इस समझौके के तहत हर साल भारत आते हैं।
इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने समाचार एजेंसी को बताया, "विजय कुमार शर्मा के नेतृत्व में 55 हिंदू तीर्थयात्रियों का एक समूह कटासराज मंदिरों में अपने धार्मिक उत्सव में भाग लेने के लिए मंगलवार को वाघा बॉर्डर के रास्ते लाहौर पहुंचा।"
लाहौर में तीर्थयात्रियों का फूलमालाएं पहनाकर स्वागत
दरअसल, ईटीपीबी एक वैधानिक बोर्ड है जो भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद भारत आ गए हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों और मंदिरों के प्रबंधन को देखता है। श्राइन बोर्ड के अतिरिक्त सचिव राणा सलीम ने वाघा में तीर्थयात्रियों का फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया। विजय कुमार शर्मा और उनके साथ गए लोगों ने पाकिस्तान में अपने पवित्र मंदिरों में दर्शन करने का मौका मिलने पर खुशी जताई।सात दिनों तक प्रवास पर रहेंगे हिंदू तीर्थयात्री
प्रवक्ता आमिर हाशमी ने जानकारी देते गुए बताया कि हिंदू तीर्थयात्री सात दिन के प्रवास के लिए आए हैं, इस दौरान सभी तीर्थयात्री लाहौर में अन्य मंदिरों के भी दर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि कटासराज मंदिर के उत्सव में भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले हिंदू तीर्थयात्री लाहौर के गुरुद्वारा डेरा साहिब में रुकेंगे।स्थानीय हिंदू भी दीप माला उत्सव में तीर्थयात्रियों के साथ शामिल होंगे
हाशमी ने कहा कि दो दिवसीय मुख्य कार्यक्रम 21 दिसंबर को कटासराज के 17 मंदिरों में शुरू होगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय हिंदू भी दीप माला उत्सव में तीर्थयात्रियों के साथ शामिल होंगे। वहीं, शनिवार को तीर्थयात्री लाहौर लौटेंगे जहां वे कृष्ण मंदिर के दर्शन करेंगे और सोमवार को भारत के लिए रवाना होंगे।बता दें कि कटासराज मंदिर को किला कटास के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू समुदाय के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व रखता है।
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