'इमरान खान को पीएम बनने दो', नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो के बीच नहीं बन रही बात; PPP नेताओं ने विपक्ष में बैठने की क्यों की पैरवी?
पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में खंडित जनादेश आने के बाद गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास सोमवार को तेज हो गए। इसी के तहत पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के शीर्ष नेताओं ने पांच साल के कार्यकाल को विभाजित करने के लिए सत्ता बंटवारे के नए फॉर्मूला पर चर्चा की। हालांकि दोनों राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन की सरकार बनाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई।
जागरण न्यूज नेटवर्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में खंडित जनादेश आने के बाद गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास सोमवार को तेज हो गए। इसी के तहत पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के शीर्ष नेताओं ने पांच साल के कार्यकाल को विभाजित करने के लिए सत्ता बंटवारे के नए फॉर्मूला पर चर्चा की। हालांकि, दोनों राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन की सरकार बनाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई।
गठबंधन में प्रधानमंत्री कौन बनेगा?
दोनों राजनीतिक दल इस बात पर सहमत नहीं हो पा रहे हैं कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रोकने के लिए बनाए गए उनके गठबंधन में प्रधानमंत्री कौन बनेगा? भुट्टो ने इस्लामाबाद में अपनी पार्टी के नेताओं के साथ मीटिंग की, जहां पार्टी नेताओं ने सुझाव दिया कि उन्हें विपक्ष में ही बैठना चाहिए। लेकिन स्थानीय मीडिया के मुताबिक, नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो दोनों चाहते हैं कि उनके उम्मीदवार शीर्ष पद पर आसीन हों।
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वहीं, बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी की एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में पार्टी के ज्यादातर नेताओं ने नवाज शरीफ के साथ सरकार बनाने का विरोध किया। कुछ नेता चाहते हैं कि पार्टी को पीएमएल-एन के साथ गठबंधन में सरकार बनाने से बेहतर विपक्ष में ही बैठना चाहिए। इसके साथ ही सुझाव दिया कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को ही सरकार बनाने दिया जाना चाहिए।
पीपीपी सांसद शेरी रहमान ने कहा कि पार्टी ने अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के निर्देशों के मुताबिक, अन्य राजनीतिक दलों के साथ संपर्क शुरू करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि पीपीपी की केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक मंगलवार को भी होगी और अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है।
एक दिन पहले, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने एक्स पर कहा था कि कबीले "देश को राजनीतिक अस्थिरता से बचाने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए हैं।"
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