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'इमरान खान को पीएम बनने दो', नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो के बीच नहीं बन रही बात; PPP नेताओं ने विपक्ष में बैठने की क्यों की पैरवी?

पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में खंडित जनादेश आने के बाद गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास सोमवार को तेज हो गए। इसी के तहत पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के शीर्ष नेताओं ने पांच साल के कार्यकाल को विभाजित करने के लिए सत्ता बंटवारे के नए फॉर्मूला पर चर्चा की। हालांकि दोनों राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन की सरकार बनाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई।

By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Tue, 13 Feb 2024 02:35 PM (IST)
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पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में खंडित जनादेश आने के बाद गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास सोमवार को तेज हो गए।

जागरण न्यूज नेटवर्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में खंडित जनादेश आने के बाद गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास सोमवार को तेज हो गए। इसी के तहत पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के शीर्ष नेताओं ने पांच साल के कार्यकाल को विभाजित करने के लिए सत्ता बंटवारे के नए फॉर्मूला पर चर्चा की। हालांकि, दोनों राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन की सरकार बनाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई।

गठबंधन में प्रधानमंत्री कौन बनेगा?

दोनों राजनीतिक दल इस बात पर सहमत नहीं हो पा रहे हैं कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रोकने के लिए बनाए गए उनके गठबंधन में प्रधानमंत्री कौन बनेगा? भुट्टो ने इस्लामाबाद में अपनी पार्टी के नेताओं के साथ मीटिंग की, जहां पार्टी नेताओं ने सुझाव दिया कि उन्हें विपक्ष में ही बैठना चाहिए। लेकिन स्थानीय मीडिया के मुताबिक, नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो दोनों चाहते हैं कि उनके उम्मीदवार शीर्ष पद पर आसीन हों।

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वहीं, बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी की एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में पार्टी के ज्यादातर नेताओं ने नवाज शरीफ के साथ सरकार बनाने का विरोध किया। कुछ नेता चाहते हैं कि पार्टी को पीएमएल-एन के साथ गठबंधन में सरकार बनाने से बेहतर विपक्ष में ही बैठना चाहिए। इसके साथ ही सुझाव दिया कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को ही सरकार बनाने दिया जाना चाहिए।

पीपीपी सांसद शेरी रहमान ने कहा कि पार्टी ने अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के निर्देशों के मुताबिक, अन्य राजनीतिक दलों के साथ संपर्क शुरू करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि पीपीपी की केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक मंगलवार को भी होगी और अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है।

एक दिन पहले, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने एक्स पर कहा था कि कबीले "देश को राजनीतिक अस्थिरता से बचाने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए हैं।"

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पीटीआई के पास सबसे अधिक सीटें

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों के संसद में सबसे अधिक सीटें जीतने के बावजूद पाकिस्तान की अगली सरकार की तस्वीर को लेकर सवाल बरकरार हैं। पीएमएल-एन, पीपीपी और पीटीआई, तीनों ही प्रमुख दलों में से किसी को 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल करने के लिए आवश्यक सीट नहीं मिली हैं और इसलिए वे अपने दम पर सरकार नहीं बना पाएंगे। इसलिए, अभी यह साफ नहीं है कि नकदी के संकट से जूझ रहे देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा।

पीएमएल-एन के पाकिस्तान में हुए आठ फरवरी के आम चुनाव में साधारण बहुमत हासिल नहीं करने के बावजूद इसके अध्यक्ष नवाज शरीफ अब भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में बने हुए हैं। सोमवार को पीएमएल-एन के कुछ नेताओं ने यह बात कही। इसलिए, भुट्टो, जरदारी की पीपीपी ने सप्ताहांत में तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन के साथ दो बैठकें कीं।

चर्चाओं का विवरण नहीं किया गया सार्वजनिक

बता दें कि चर्चाओं का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन स्थानीय मीडिया ने बताया कि पीएमएल-एन चाहती है कि नवाज या उनके भाई शहबाज सरकार का नेतृत्व करें। पीपीपी, जो मतदान में तीसरे स्थान पर रही, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के 35 वर्षीय बेटे भुट्टो जरदारी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। उनका कहना है कि वह देश में एक नया चेहरा होंगे जहां 30-60 प्रतिशत से अधिक आबादी गुलाम है।

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने रविवार को आम चुनाव के अंतिम परिणाम घोषित किए, जिसमें जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं, तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 75 सीट जीतकर तकनीकी रूप से संसद में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 54 सीट मिलीं, जबकि विभाजन के दौरान भारत से आए उर्दू भाषी लोगों की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को 17 सीट मिली हैं। बाकी 12 सीट पर अन्य छोटे दलों ने जीत हासिल की। पीटीआई ने शुरू में सरकार बनाने का दावा किया था, लेकिन उसकी संभावनाएं बाद में कमजोर पड़ने लगीं।

सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को प्रत्यक्ष मतदान से निर्वाचित 133 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। कुल मिलाकर, साधारण बहुमत हासिल करने के लिए 336 में से 169 सीट की आवश्यकता है, जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित सीट भी शामिल हैं। नवाज शरीफ ने शनिवार को पाकिस्तान को मौजूदा कठिनाइयों से बाहर निकालने के लिए गठबंधन सरकार बनाने का आह्वान किया था। माना जाता है कि शरीफ को देश की शक्तिशाली सेना का समर्थन प्राप्त है।