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Pakistan: पाकिस्तान ने चीन के साथ CPEC प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ाए कदम, SIFC को लेकर भी कर दिया बड़ा एलान

China Pakistan CPEC Project भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज सीपीएएसी प्रोजेक्ट के दूसरे चरण पर काम करना चाहते हैं। शहबाज शरीफ ने कहा कि दोनों देशों को मुश्किलों के बावजूद सहयोग जारी रखते हुए CPEC परियोजना के दूसरे चरण की ओर बढ़ना चाहिए। पाकिस्तान सरकार चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) को लेकर समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगी।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 14 Mar 2024 04:31 PM (IST)
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Pakistan: पाकिस्तान ने चीन के साथ CPEC प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ाए कदम (File Photo)
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत के विरोध के बाद भी चीन के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का अह्वान किया। पाक पीएम शहबाज शरीफ चीन के साथ मिलकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहते हैं। जबकि भारत इस प्रोजेक्ट का लगातार विरोध करता रहा है।

पाकिस्तान का भारत विरोधी कदम

भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज सीपीएएसी प्रोजेक्ट के दूसरे चरण पर काम करना चाहते हैं। शहबाज शरीफ ने कहा कि दोनों देशों को मुश्किलों के बावजूद सहयोग जारी रखते हुए CPEC परियोजना के दूसरे चरण की ओर बढ़ना चाहिए। पाकिस्तान सरकार चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) को लेकर समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगी।

चीनी निवेश सुविधाजनक

पाकिस्तान पीएम ने कहा कि उन्होंने चीन के राजदूत जियांग ज़ैडोंग से बात की है। पाकिस्तान सीपीईसी के अगले चरण में जाने का इच्छुक है। इसमें पाकिस्तान में चीनी निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) का संचालन भी शामिल है। उन्होंने सीपीईसी पहल के समय पर कार्यान्वयन की पुष्टि की।

भारत क्यों कर रहा विरोध?

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। भारत इसका विरोध इसलिए कर रहा है क्योंकि यह गुलाम कश्मीर से होकर गुजर रहा है।

पाकिस्तान में चीन का निवेश

पाक पीएम शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान ने विशेष निवेश सुविधा परिषद (SIFC) बनाया है जो परियोजनाओं में होने वाली देरी को दूर करेगा। SIFC से कृषि, आईटी, खनिज और नवीकरणीय ऊर्जा सहित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि चीनी कंपनियों को पाकिस्तान में कई लाभदायक अवसर मिलेंगे।

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