पाकिस्तान के विश्वविद्यालयों में होली खेल सकेंगे छात्र, फजीहत के बाद सरकार ने वापस लिया प्रतिबंध का फैसला
Holi in Pakistan Universities पाकिस्तानी सरकार ने विश्वविद्यालयों में होली पर प्रतिबंध लगाने का अपना फैसला वापस ले लिया है। प्रधानमंत्री की रणनीतिक सुधार इकाई के प्रमुख सलमान सूफी ने कहा कि शिक्षा मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने उच्च शिक्षा आयोग (एचईसी) से अधिसूचना को वापस लेने के लिए कहा है। एक यूनिवर्सिटी में होली खेलने का वीडियो वायरल हुआ था।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के विश्वविद्यालयों में होली खेलने पर प्रतिबंध का फैसला वापस ले लिया गया है। पाकिस्तानी सरकार ने अपने आदेश पर फजीहत होने के बाद इसे वापस लिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की रणनीतिक सुधार इकाई के प्रमुख सलमान सूफी ने कहा कि शिक्षा मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने उच्च शिक्षा आयोग (एचईसी) से अधिसूचना को वापस लेने के लिए कहा है।
अधिसूचना वापस लेने का एलान
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिसूचना के बारे में मीडिया में खबर आने के बाद सलमान सूफी ने ट्वीट कर लिखा कि इसको लेकर राणा तनवीर साहब से बात हुई है। उन्होंने धार्मिक त्योहारों को हतोत्साहित करने वाले एचईसी की अधिसूचना पर कड़ा संज्ञान लिया है और उन्हें इसे वापस लेने के लिए कहा है।
देश की इस्लामी पहचान के खिलाफ होली
बता दें कि गुरुवार को ऐसी खबर आई थी कि एचईसी के कार्यकारी निदेशक शाइस्ता सोहेल ने कुलपतियों और संस्थानों के प्रमुखों के लिए अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना में कहा गया कि विश्वविद्यालय में होली का जश्न चिंता पैदा करता है और ये नुकसानदेह है। इससे देश की छवि पर असर पड़ता है। आयोग का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां देश की सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग हैं और ये देश की इस्लामी पहचान के खिलाफ है।
वायरल हुआ था यूनिवर्सिटी में होली खेलने का वीडियो
गौरतलब है कि शिक्षा आयोग का विश्वविद्यालयों में होली पर प्रतिबंध लगाने का फैसला तब आया जब हाल ही में कायद-ए-आजम यूनिवर्सिटी में होली मनाई गई थी। इस यूनिवर्सिटी में आठ मार्च को होली खेली गई थी। होली खेलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
वीडियो में यूनिवर्सिटी के छात्र नाचते और एक-दूसरे पर रंग उड़ाते देखे गए थे। इसमें तेज आवाज में म्यूजिक भी बज रहा था।
सोशल मीडिया पर नाराजगी
शिक्षा आयोग के फैसले के बाद सोशल मीडिया में नाराजगी देखी गई। कुछ नेटिजन्स ने कहा कि इस्लामाबाद को यह समझने की जरूरत है कि होली और दिवाली का त्योहार सिंधी संस्कृति का हिस्सा हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, नेटिजन्स ने कहा कि इस्लामाबाद न तो हमारी सिंधी भाषा को स्वीकार करता है और न ही हिंदू त्योहारों का सम्मान करता है।