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Indian Treasury: ब्रिटेन के खजाने में भारतीय हीरे-जवाहरातों का भंडार, ब्रिटिश राजपरिवार करते हैं इस्तेमाल

लंदन स्थित इंडिया ऑफिस के अभिलेखागार में मिली उपनिवेश काल की एक फाइल से पता चला है कि ब्रिटिश राजघराने के पास तमाम बहुमूल्य भारतीय आभूषण और हीरे-जवाहरात हैं। इनमें से कई का इस्तेमाल किंग चा‌र्ल्स तृतीय कर रहे हैं। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 07 Apr 2023 11:24 PM (IST)
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ब्रिटेन के खजाने में भारतीय हीरे-जवाहरातों का भंडार।

लंदन, पीटीआई। लंदन स्थित इंडिया ऑफिस के अभिलेखागार में मिली उपनिवेश काल की एक फाइल से पता चला है कि ब्रिटिश राजघराने के पास तमाम बहुमूल्य भारतीय आभूषण और हीरे-जवाहरात हैं। इनमें से कई का इस्तेमाल किंग चा‌र्ल्स तृतीय कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उपनिवेश काल में लंदन स्थित इंडिया ऑफिस ही भारत में ब्रिटिश शासन के लिए जवाबदेह था।

हाल ही में मिली जानकारी

गार्जियन अखबार अपनी कास्ट ऑफ क्राउन श्रृंखला में ब्रिटेन के राजपरिवार की चल-अचल संपत्ति की जानकारी दे रहा है। इस श्रृंखला का प्रकाशन किंग चा‌र्ल्स तृतीय के छह मई को होने वाले राज्याभिषेक के मौके पर हो रहा है। इस सप्ताह प्रकाशित रिपोर्ट में 46 पन्नों की फाइल में दर्ज विशेष जानकारी को सार्वजनिक किया गया है।

इसमें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की दादी क्वीन मैरी के आभूषणों और हीरे-जवाहरातों के प्रेम को उजागर किया गया है। भारत से संबंधित इन बहुमूल्य वस्तुओं का लेखा-जोखा क्वीन मैरी के महारानी बनने के बाद से रखा जाने लगा। इन बहुमूल्य वस्तुओं में पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के घोड़ों को सजाने के लिए खासतौर पर तैयार सोने की वस्तुएं अब किंग चा‌र्ल्स के शाही संग्रह का हिस्सा हैं। 

कई मुल्यवान वस्तुओं की मिली जानकारी

912 से संग्रहित जानकारियों में कई अमूल्य वस्तुओं की जानकारी मिलती है। इनमें किंग चा‌र्ल्स का पन्ना जड़ित कमरबंद भी है। इस बेल्ट में लगे पन्ना के टुकड़े भारत के विभिन्न स्थानों की जीत के बाद राजपरिवार को दिए गए उपहारों में से निकालकर लगाए गए थे। अब यह सारी संपत्ति ब्रिटिश राजपरिवार की है।

फाइल में कई घटनाओं के उल्लेख

फाइल में 19 वीं सदी की घटनाओं के उल्लेख में लिखा है कि महाराजा रणजीत सिंह के पुत्र दलीप सिंह के साथ ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक समझौता किया था। इसी समझौते के बाद बहुमूल्य कोहिनूर हीरा ब्रिटेन को मिला, जो बाद में क्वीन विक्टोरिया को उपहार में दिया गया। बाद में यही बेशकीमती भारतीय हीरा ब्रिटेन की महारानी के मुकुट में जड़ा गया। हालांकि, इस प्रक्रिया में हीरे का आकार कुछ कम हो गया।

इस हीरे को भारत को लौटाने को लेकर कई बार मांग उठी है। पता चला है कि छह मई को किंग चा‌र्ल्स के राज्याभिषेक के मौके पर क्वीन कैमिला को भी औपचारिक रूप से महारानी की उपाधि मिलेगी, लेकिन इस मौके पर वह कोहिनूर हीरा जड़ित मुकुट नहीं पहनेंगी। उपनिवेश काल की फाइल में राजपरिवार के खजाने में रखे बड़े आकार के चार माणिकों वाले नेकलेस का भी उल्लेख है। इसमें सबसे बड़ा माणिक 325.5 कैरेट का है, जिसे भारत के तैमूर माणिक के नाम से जाना जाता है। यह माणिक प्राचीन काल से भारत में था।