CNG कार खरीदने से पहले जान लें इसकी कमियां, फायदे के चक्कर में हो न जाए नुकसान
जब सीएनजी कारों की बात होती है तो सबसे पहवे माइलेज और सीएनजी की कीमत पर बात आती है। कार खरीदने से पहले कई बातों का खास ख्याल रखना चहिए। आइए जानते हैं सीएनजी कारों की कुछ कमियों को जिसे नजरअंदाज करना नामुमकिन है। (जागरण फाइल फोटो)
By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediUpdated: Sat, 22 Apr 2023 06:35 PM (IST)
नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण सीएनजी कारों और इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इलेक्ट्रिक कारों की कीमत अधिक होने के कारण और चार्जिग के समस्या के कारण अधिक्तर लोग सीएनजी कारों की ओर अधिक पसंद करते हैं। अगर सीएनजी कारों की डिमांड को देखा जाए तो पिछले 5 सालों में अधिक मांग बढ़ी है।
सीएनजी कारों की कीमत कम होने, माइलेज अधिक होने और पेट्रोल के मुकाबला सस्ती होने के कारण इनकी ब्रिकी जमकर हो रही है। लेकिन इन कारों की कुछ खामियां भी हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कमी के नाम पर हमेशा केवल बूट स्पेस न होना कहकर ही टाल दिया जाता है, जबकि केवल स्पेस ही नहीं, सीएनजी कारों में और भी कमियां है जो खतरनाक हो सकती हैं।
पावर में कमी
सीएनजी कारें बेसिक इंजन पर चलती है। इन इंजनों को पेट्रोल के लिए डिजाइन किया जाता है। ऐसे में सीएनजी एक ऑल्टरनेट फ्यूल के तौर पर काम करती है। इसमें जनरेट होने वाली पावर पेट्रोल के मुकाबले काफी कम होती है। ऐसे में सीएनजी कारों को चलाने के दौरान आपको पेट्रोल जैसे पिकअप और टॉप स्पीड नहीं मिलेगा।माइलेज में बेहतर, लेकिन कमियां भी हैं
सीएनजी होने के कारण इसमें माइलेज अच्छा मिलता है। पूरी तरह से बर्न होकर पावर देने वाली सीएनजी की माइलेज अधिक होती है। लेकिन कीमत की बात करें तो अब पेट्रोल और सीएनजी की कीमतों में अधिक फर्क नहीं रहता है। ऐसे में सीएनजी और हाइब्रिड कारें एक अच्छा ऑप्शन होती है। इन कारों का माइलेज अच्छा होता है और पेट्रोल के साथ ही इलेक्ट्रिक पावर मिलने से इन गाड़ियों का बीएचपी और टॉर्क अधिक होता है।