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Chandrayaan 3: 'मून मिशन' से Hyundai और Toyota का भी कनेक्शन! ऐसे हो रही है चांद पर पहुंचने की तैयारी

Hyundai and Toyota Lunar Vehicles हुंडई मोटर ग्रुप अपने एयरोस्पेस भागीदारों के साथ मिलकर Lunar Exploration Rover के प्रारंभिक विकास मॉडल का निर्माण शुरू किया है। वहीं पॉपुलर कार निर्माता कंपनी Toyota भी Luner Cruiser बना रही है। कंपनी इसके लिए पुनर्योजी ईंधन प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की योजना बना रही है जिसे इस दशक के अंत में लॉन्च किया जाना है।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Wed, 23 Aug 2023 03:45 PM (IST)
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Chandrayaan-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के साथ भारत इतिहास रचने को तैयार है।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। पूरे देश की निगाहें Chandrayaan-3 पर हैं। भारत अपने इस गौरवशाली कदम के साथ वैश्विक पटल पर इतिहास रचने जा रहा है। क्या आपको पता है कि देश की दो पॉपुलर कार निर्माता कंपनियां भी इस मिशन पर अपनी नजरें जमाए हुए हैं। एक ओर पूरी दुनिया की निगाहें आज ISRO और Chandrayaan-3 पर हैं।

वहीं, दूसरी ओर अपना Lunar Rover तैयार कर रही Hyundai, Toyota और General Motors जैसी कंपनियां इसको लेकर काफी उत्साहित हैं। आइए, जानते हैं कि चंद्रयान-3 कब इतिहास रचेगा और ये पॉपुलर ऑटोमोबाइल कंपनियां 'मून मिशन' को लेकर क्या प्लान कर रही हैं।

Hyundai Lunar Exploration Rover

हुंडई मोटर ग्रुप अपने एयरोस्पेस भागीदारों के साथ मिलकर Lunar Exploration Rover के प्रारंभिक विकास मॉडल का निर्माण शुरू किया है। ग्रुप ने चांद की सतह की खोज के लिए एक गतिशीलता समाधान विकसित करने के लिए एक सलाहकार निकाय को चलाने और समर्थन करने के लिए एयरोस्पेस क्षेत्र में 6 कोरियाई अनुसंधान संस्थानों के साथ एक संयुक्त बहुपक्षीय अनुसंधान समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

हुंडई मोटर और किआ के कार्यकारी उपाध्यक्ष और आर एंड डी योजना व समन्वय केंद्र के प्रमुख योंग व्हा किम ने कहा था कि रोवर के विकास के साथ, हम अंतरिक्ष गतिशीलता में विस्तार करने के लिए भूमि, समुद्र और वायु गतिशीलता से आगे बढ़ रहे हैं।

Toyota Luner Cruiser

पॉपुलर कार निर्माता कंपनी Toyota भी Luner Cruiser बना रही है। कंपनी इसके लिए पुनर्योजी ईंधन प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की योजना बना रही है, जिसे इस दशक के अंत में लॉन्च किया जाना है। टोयोटा ने रोवर के लिए जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के साथ साझेदारी की है।

हाल के वर्षों में, अमेरिका और चीन के बीच उभरती अंतरिक्ष दौड़ के जवाब में जापान अपनी महत्वाकांक्षाओं को बढ़ा रहा है। जापान इस लूनर आउटपोस्ट पर अपने अंतरिक्ष यात्री रखने की योजना बना रहा है और JAXA के माध्यम से, आर्टेमिस मिशन पर अमेरिका के साथ मिलकर काम भी कर रहा है।

Chandrayaan-3 इतिहास रचने को तैयार

आज यानी बुधवार को Chandrayaan-3 चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला है। रूस के असफल लूना-25 मिशन के बाद इसे अतिरिक्त महत्व मिल गया है और 23 अगस्त को देश के सभी कोनों से लोगों को इसके उतरने की उम्मीद है। चंद्रयान-3 के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। यह मिशन पांच सप्ताह से कुछ अधिक समय पहले आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।

अंतरिक्ष यान का 'विक्रम' लैंडर मॉड्यूल गुरुवार को प्रणोदन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया और बाद में महत्वपूर्ण डीबूस्टिंग युद्धाभ्यास से गुजरकर थोड़ी निचली कक्षा में उतर गया है। चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर का नाम विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है - जिन्हें व्यापक रूप से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है।