Hydrogen Fuel Vs EV: इलेक्ट्रिक और ग्रीन फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों में कौन है बेहतर? भविष्य में किसका बढ़ेगा चलन
कई स्टार्टअप्स कंपनियां ईवी के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही हैं वहीं वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां अपनी इलेक्ट्रिक सेगमेंट पर अधिक जोर दे रही हैं। हमारा मानना है कि वर्तमान में ईवी भारत का भविष्य साबित हो सकता है।
नई दिल्ली, अतुल यादव। भारत में इस समय ईंधन की कीमतें आसमान को छू रही हैं, वहीं इंडियन मार्केट में इलेक्ट्रिक कारें भी तेजी से लॉन्च हो रही हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने हाल ही में कहा था कि भारत में जल्द ग्रीन फ्यूल एनर्जी का उत्पादन होगा और इसकी कीमत ईंधन से तुलना में काफी कम होगी। कई मोटर वाहन निर्माता कारों और अन्य वाहनों को बिजली देने के वैकल्पिक तरीकों की तलाश कर रहे हैं।
हाइड्रोन और इलेक्ट्रिक कारें कैसे करती हैं काम
इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लिथियम आयन बैटरी लगी हुई होती है, जो गाड़ी के अन्य हिस्सों को पॉवर देने का काम करती है। ईवी को चार्ज करने के लिए हमें इलेक्ट्रिक स्विच का सहारा लेना पड़ता है।
हाइड्रोजन कारों में भी इलेक्ट्रिक मोटर लगी हुई होती है, जो हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलता है। यह सेल हाइड्रोजन को बिजली और पानी के भांप के कैमिकल प्रोडक्शन को बनाने के लिए ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करने की अनुमति देती है। इससे निकलने वाली ऊर्जा से गाड़ी के सभी हिस्सों में पॉवर पहुंचती है। इस गाड़ी को पहचानने के लिए आप गाड़ी के साइलेंसर को देख सकते हैं, जिसमें से थोड़ी-थोड़ी पानी की बूंदें आपको दिखाई देती है। भारत में ग्रीन हाइड्रोन असानी से उपलब्ध नहीं है, इसके लिए विशेष प्लांट पर जाना पड़ता है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों के फायदे
- हाइड्रोजन गाड़ियों से ईवी सस्ती होती हैं। इसको चार्ज करने में उतनी समस्या नहीं होती है, जितना ग्रीन फ्यूल स्टेशन को खोजने में लगता है।
- इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलने में काफी शानदार होती हैं और इसको चलाते समय लग्जरी महसूस होता है, क्योंकि चलने के दौरान ईवी ज्यादा आवाज नहीं करती हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है।
- रनिंग कॉस्ट भी फ्यूल की तुलना में कम होती है।
हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों के फायदे
- हाइड्रोजन गाड़ियों के इलेक्ट्रिक कारों की तरह कई फायदे होते हैं। हाइड्रोजन फ्यूल से प्रदूषण न के बराबर होता है।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी का कहना है कि ग्रीन फ्यूल की कीमत लगभग 1 डालर आएगी। इसका मतलब ये है कि ये गाड़ियां फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में सस्ती पड़ेंगी। हालांकि, अभी भी ईवी से महंगी हो सकती हैं।
- रेंज के मामले में हाइड्रोन से चलने वाली गाड़ियां अधिक माइलेज दे सकती हैं।
जानिए भविष्य में किसका बढ़ेगा चलन
इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों से अधिक है। क्योंकि कई स्टार्टअप्स कंपनियां ईवी के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही हैं वहीं वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां अपनी इलेक्ट्रिक सेगमेंट पर अधिक जोर दे रही हैं। हमारा मानना है कि वर्तमान में ईवी भारत का भविष्य साबित हो सकता है। हालांकि, माइलेज और जल्दी फ्यूल भरने के मामले में हाइड्रोजन गाड़ी बेहतर हो सकती है।