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फिर भी दिल है हिंदुस्तानी... लंदन में दिखी बांग्ला संस्कृति की झलक, भागलपुर की साड़ी पहन सात समंदर पार थिरकीं महिलाएं

Bhagalpur News कोई हिंदुस्तानी भले ही सात समंदर पार घर-संसार बसा ले लेकिन एक डोर उसे देश से जोड़े ही रखती है। विदेश में रहने वाले भागलपुर के बेटे-बेटियों का अपनी सभ्यता संस्कृति से जुड़ाव हर किसी को हैरान कर देता है। लंदन में रविवार को बांग्ला संस्कृति की धमक दिखाई दी। सैकड़ों भारतीय महिलाओं ने सिंदूर खेला।

By Edited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 31 Oct 2023 02:37 PM (IST)
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सिंदूर खेलने के बाद उत्साह में भारतीय, सौजन्य पल्लवी मोदी
मिहिर, भागलपुर। सात समंदर पार घर संसार बसा लिया, इसके बाद भी दिल हिंदुस्तानी है। कर्म स्थल लंदन को बनाने के बाद भी वहां रहने वाले भागलपुर के बेटे-बेटियों का अपनी सभ्यता संस्कृति से जुड़ाव हर किसी को हैरान कर देता है।

दुर्गा पूजा के बाद लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर में रविवार को बांग्ला संस्कृति की धमक दिखाई दी। बंगाल में जिस प्रकार मां दुर्गा की विदाई के बाद उत्साह और उत्सव मनाया जाता है, उसी प्रकार लंदन में भी सैकड़ों भारतीय महिलाओं ने सिंदूर खेला।

भारतीय सभ्यता और संस्कृति को विश्व पटल पर प्रचारित प्रसारित करने के उद्देश्य से 'ब्रिटिश वूमैन इन साड़ी' नामक संगठन ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसके लिए भागलपुर के बुनकरों द्वारा तैयार लाल पाढ़ वाली साड़ी मंगाई गई थी।

एकजुट हुई भारतीय महिलाओं ने दिया संदेश

संगठन की चेयनमैन डॉ. दिप्ति जैन ने बताया कि दशहरे के बाद इस आयोजन को किया गया। रविवार के दिन अवकाश होता है। ऐसे में, सौ से ज्यादा महिलाएं एकजुट हुई और सिंदूर खेला करने सामने आई।

सभी ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया। कहा कि हमारा मकसद है कि भारत की परंपरा विश्व पटल पर आए। दुर्गा पूजा में खास कर बंगाल की महिलाएं प्रतिमा विसर्जन के पहले सिंदूर खेला खेलती हैं। होली के बाद दुर्गा पूजा में ही सिंदूर से खेला होता है।

यह जानकारी लंदन के लोगों को भी हो, यही बताने का एक प्रयास किया गया। इसके अलावा हम लोग अपने देश की परिधान को प्रमोट करना चाहते हैं। हर भारतीय के घर में सिंदूर रहता है। सभी अपने अपने घर से सिंदूर लेकर आई और एक दूसरे को लगाया।

धुन पर खूब थिरकी महिलाएं

सिंदूर खेला के बाद सभी महिलाएं भारतीय संगीत की धुन पर जम कर थिरकी। इस आयोजन के लिए खास तौर पर ढाक लाया गया था। आयोजन में शामिल पल्ल्वी मोदी ने बताया कि यहां ऐसा माहौल बना, जैसे हम लोग अपने देश में हो।

हम लोग दशहरे पर देश से दूर हैं, लेकिन अपनी सभ्यता संस्कृति से दूर नहीं हैं। हीरल फ्लेचर और सोनाली बसाक ने बताया इस तरह के आयोजन के बाद अपनी माटी से जुड़े होने का एहसास होता है।

बंगाल से मंगाई लाल पाड वाली साड़ी

पल्लवी मोदी ने बताया कि इस आयोजन की तैयारी दो माह से हो रही थी। हम लोगों ने बंगाल से भागलपुर में निर्मित लाल पाढ़ वाली 67 पीस साड़ी मंगवा लिया था। बताते चलें कि पल्लवी भागलपुर की पूर्व सीएस डॉ . प्रतिमा मोदी की बेटी है।

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