चने की खेती से किसानों की आय होगी दोगुनी, उत्तर प्रदेश तक है बिहार के चने की मांग; जानिए क्या है कृषि विभाग की तैयारी
Gram Cultivation बिहार के गोपालगंज में चने की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए कृषि विभाग चने की खेती करने वाले किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराएगा। जिले में कभी व्यापक पैमाने पर चने की खेती होती थी। हालांकि अब यह कुछ इलाकों तक सिमट कर रह गई है। अब फिर से बढ़ावा देने की पहल शुरू की गई है।
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। खाने की थाली में कई रूपों में सजने वाले चने की खेती को बढ़ावा देने की पहल की गई है। अब चने की खेती कर किसान अपनी आय बढ़ाएंगे। जिला कृषि विभाग ने रबी उत्पाद कार्यक्रम के तहत चने की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही कृषि विभाग चने की खेती करने वाले किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराएगा। इसके साथ ही चने की खेती करने वाले किसानों को कृषि विभाग प्रशिक्षण देगा।
किसानों ने क्यों किया चने की खेती से परहेज?
जिले में दहलनी फसल के रूप में कभी व्यापक पैमाने पर किसान चने की खेती करते थे। यहां के चने की मांग सीमावर्ती उत्तर प्रदेश तक होती थी। मौसम की मार के बीच समय के साथ चने की पैदावार कम होती गई, जिससे किसान चने की खेती करने से परहेज करने लगे।
कभी व्यापक पैमाने पर होने वाली चने की खेती अब कुछ इलाकों तक सिमट कर रह गई है। अब फिर से जिले में चने की खेती को बढ़ावा देने की पहल शुरू हो गई है। जिला कृषि विभाग ने रबी उत्पादन कार्यक्रम के तहत चने की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
चयनित कर किसानों को मिलेंगे उन्नत बीज
इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी भुपेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि दलहनी फसल के रूप में अब चने की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस सीजन में 500 हेक्टेयर में चने की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि चने की खेती करने के लिए किसानों का चयन कर उन्हें अनुदानित दर पर उन्नत बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसके साथ ही चयनित किसानों को उन्नत तरीके से चने की खेती करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसान भी चने की खेती करने के प्रति रुचि दिखा रहे हैं, जिसे देखते इस बार लक्ष्य से अधिक रकबा में चने की खेती होने की उम्मीद है।