डर की भावना खत्म कर महिलाओं को सशक्त कर रहीं नर्मदा
मधुबनी। सामान्य परिवार की नर्मदा झा (45) को संघर्ष की राह पर चलकर बालिकाओं को स्वावलंबी बनाने में कामयाबी मिली है। सुरक्षा गार्ड का निश्शुल्क प्रशिक्षण देकर बालिकाओं को रोजगार दिलाने के साथ-साथ सशक्त भी कर रही हैं। वहीं रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए ब्यूटीशियन का कोर्स भी करवाती हैं।
मधुबनी। सामान्य परिवार की नर्मदा झा (45) को संघर्ष की राह पर चलकर बालिकाओं को स्वावलंबी बनाने में कामयाबी मिली है। सुरक्षा गार्ड का निश्शुल्क प्रशिक्षण देकर बालिकाओं को रोजगार दिलाने के साथ-साथ सशक्त भी कर रही हैं। वहीं रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए ब्यूटीशियन का कोर्स भी करवाती हैं। इससे सैकड़ों महिलाएं रोजगार प्राप्त कर रही हैं।
जिले के बिस्फी प्रखंड के गांव मुरलियाचक गांव की नर्मदा झा मानती हैं कि महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है। इसलिए उन्हें स्वच्छता का पाठ भी पढ़ाती हैं। उन्होंने कहा, महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में कम नहीं आंकना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में कार्य से समझौता नहीं करना चाहिए। संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहती हैं, कई बार अपमान के बाद भी हार नहीं मानीं। अडिग इरादे को कमजोर नहीं होने दिया। मानती हैं कि अब भी महिलाओं की हालत बेहतर नहीं। कई क्षेत्रों में उन्हें वह अधिकार नहीं मिल रहा, जिसकी वह हकदार हैं। कहा, अभी तक जो भी विकास हो रहा है वह संघर्ष के बूते पर ही है। जब तक आर्थिक रूप से महिलाओं को स्वावलंबी नहीं बनाया जाता, सही विकास नहीं हो सकता। हमने भारत व बिहार सरकार की योजना के तहत सुरक्षा गार्ड जैसे क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर सशक्त बनाने का काम किया है। प्रशिक्षण देने के बाद भी उन्हें जॉब मिलने में कठिनाई हो रही है। यह दुखद है। सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों को इस पर पहल करनी चाहिए। इससे हम बेटियों का मनोबल बढ़ा सकते हैं। जब तक महिला सशक्त नहीं होगी सामाजिक कुरीतियों को नहीं खत्म कर सकते।