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स्वीकृत में ‘अ’ जोड़कर अवैध रूप से बनाया अस्वीकृत, पटना से आई राजस्व विभाग की टीम ने पकड़ी बड़ी गड़बड़ियां; नियम-कानून ध्वस्त

Muzaffarpur News सीओ व कर्मचारियें की मिलीभगत से कांटी अंचल कार्यालय में बड़ी गड़बड़ियां की जा रही हैं। पटना से आई राजस्व विभाग की टीम ने इन गड़बड़ियों को पकड़ा है। जांच में यह बात सामने आई कि वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 23-24 में 282 दाखिल-खारिज के मामले अवैध रूप से स्वीकृत किए गए। स्वीकृति के पहले ‘अ’ जोड़कर इसे अवैध रूप से अस्वीकृत कर दिया गया।

By Prem Shankar MishraEdited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 31 Oct 2023 02:18 PM (IST)
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स्वीकृत में ‘अ’ जोड़कर अवैध रूप से बनाया अस्वीकृत, पटना से आई राजस्व विभाग की टीम ने पकड़ी बड़ी गड़बड़ियां
प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। राजस्व विभाग में काम में पारदर्शिता लाने एवं गड़बड़ियां कम करने को लेकर सरकार के स्तर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरी ओर अंचल में अंचलाधिकारी और कर्मचारी की मिलीभगत से बड़ी गड़बड़ियां और चूक की जा रही हैं।

पटना से आई राजस्व विभाग की टीम ने कांटी अंचल के निरीक्षण में गड़बड़ियां पकड़ी हैं। इसके बाद विभाग ने समाहर्ता से अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारी एवं सभी कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा है। इस संबंध में मंत्री आलोक मेहता के आप्त सचिव सुरेंद्र प्रसाद ने समाहर्ता को पत्र भेजा है।

दाखिल-खारिज के 282 मामले अवैध रूप से स्वीकृत

सबसे गंभीर स्थिति अंचल में दाखिल-खारिज की पाई गई। जांच में यह बात सामने आई कि वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 23-24 में 282 दाखिल-खारिज के मामले अवैध रूप से स्वीकृत किए गए। इन मामलों के आवेदन को पहले अंचल अधिकारी द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया।

दूसरी बार अंचल अधिकारी ने ही इन मामलों को स्वीकृत कर दिया। टीम ने अंचल अधिकारी, राजस्व अधिकारी और राजस्व कर्मचारी पर व्यक्तिगत लाभ लेकर ऐसा करने की बात कही है। विभाग में यह नियम है कि एक बार जिस कोर्ट से आवेदन स्वीकृत या अस्वीकृत कर दिया जाए उसपर फिर वहीं पदाधिकारी विचार नहीं कर सकते।

इसके अलावा यहां पहले आओ पहले पाओ के नियम का भी उल्लंघन पाया गया। यहां 20 ऐसे मामले पाए गए जिसमें दस बार से अधिक बार स्कीप किया गया। टीम ने इस मामले में भी गलत मंशा की आशंका जताई।

स्वीकृत वाद को अवैध रूप से कर दिया अस्वीकृत

यह माना गया कि अंचल कार्यालय में सारे नियम कानून ध्वस्त हैं। कई वादों की स्वीकृति के मामले में अभिलेख से छेड़छाड़ की गई। स्वीकृति के पहले ‘अ’ जोड़कर इसे अवैध रूप से अस्वीकृत कर दिया गया। जांच टीम ने माना कि सीओ, सीआइ एवं राजस्व कर्मचारी ने व्यक्तिगत लाभ लेने के लिए ऐसा किया।

15 पंजियों पर काम ही नहीं

जांच टीम ने पाया कि कांटी अंचल कार्यालय में महज आठ पंजियों पर ही काम हो रहा है। अंचल कार्यालय में 23 पंजियों का संधारण अनिवार्य है। गैर मजरूआ आम खास/सर्वसाधारण, आरटीआइ, जमीन अधिग्रहण, भू-हदबंदी, भूदान, खासमहाल, सैरात, जन शिकायत आदि पंजी उपलब्ध नहीं थी। टीम ने इसे अत्यंत चिंता का विषय माना।

कैश बुक की स्थिति संदेहास्पद

जांच में कैश बुक की स्थिति संदेहास्पद पाई गई। फरवरी 2023 तक ही यह अपडेट है। इसपर प्रधान लिपिक एवं सीओ का दस्तखत नहीं पाया गया। मार्च से अक्टूबर तक का कैशबुक ना तो मुक्त या सिडरी कैशबुक लिखा गया है। टीम ने माना कि प्रधान लिपिक और सीओ की मिलीभगत से ऐसा हो रहा है।

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