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एमआइटी में होगा तीन छात्रावासों का निर्माण, सरकार के पास भेजा गया प्रस्ताव

100 बेड का छात्रावास छात्राओं व 400 बेड का छात्रों के लिए तैयार किया जाएगा। यदि अभी की बात करें तो एमआइटी में 700 छात्र-छात्राओं के रहने की व्यवस्था है। प्राचार्या ने दो निर्माणाधीन छात्रावास को लेकर सरकार को लिखा है।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Sun, 03 Apr 2022 06:49 AM (IST)
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पीजी-यूजी में नए ब्रांच की पढ़ाई शुरू होने पर छात्रों को मिलेगी सुविधा। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। एमआइटी में तीन और नए छात्रावास का निर्माण होगा। इसको लेकर कालेज की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। प्राचार्य डा.सीबी महतो ने बताया कि लड़कियों के लिए 100 बेड का एक छात्रावास होगा। वहीं दो-दो बेड के दो छात्रावास छात्रों के लिए बनेंगे। बताया कि अगले सत्र से कालेज में यूजी और पीजी में कई नए ब्रांच की पढ़ाई शुरू होनी है। ऐसे में विद्यार्थियों को बाहर नहीं भटकना पड़े इसके लिए योजना बनाई गई है। एमआइटी में वर्तमान में करीब 700 छात्र- छात्राओं के रहने की व्यवस्था है। इसमें 150 बेड का क्षमता लड़कियों के लिए, जबकि 550 बेड छात्रों के लिए हैं। दो नए छात्रावास निर्माणाधीन हैं। 

तय समय में संवेदक ने पूरा नहीं किया छात्रावास का कार्य, होंगे ब्लैक लिस्टेड

एमआइटी परिसर में निर्माणाधीन दो छात्रावासों का काम समय से पूरा नहीं करने पर कालेज प्रशासन सख्त हो गया है। प्राचार्य ने बताया कि जनवरी में ही छात्रावास कालेज को सौंपना था, लेकिन संवेदक की लापरवाही से काम अटक गया है। कोरोना काल को देखते हुए छह महीने का समय दिया गया है लेकिन, वर्तमान स्थिति को देखते हुए तय समय में काम पूरा होना मुश्किल है। प्राचार्य ने बताया कि संवेदक पर कार्रवाई को लेकर विभाग को लिखा जाएगा। उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। बताया कि संवेदक ने निर्धारित दर से 10 प्रतिशत कम पर टेंडर डाला था। इसके बाद खर्च बढ़ा तो काम ठप कर दिया।  

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार तय हो न्यूनतम समर्थन मूल्य

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में शनिवार को राष्ट्रीय किसान सभा के पदाधिकारियों तथा सदस्यों ने बैठक की। इस दौरान राष्ट्रीय किसान सभा के संगठन विस्तार और किसानों की समस्याओं का चार्टर बनाने को लेकर विमर्श हुआ। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामाशीष राय ने देश में किसानी के समक्ष वर्तमान संकट और चुनौतियों पर विचार व्यक्त किया। उन्होंने किसान आयोग के गठन, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून व न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीद सुनिश्चित करने की मांग की। कहा कि इन मुद्दों पर किसानों के बीच जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, किसानों की आजीविका और रहन सहन को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि किसानों के संगठन मजबूत हों। बिहार के अध्यक्ष विश्व आनंद ने बताया कि राज्य के आधे से अधिक जिलों में संगठन की कोर टीम बनाई जा चुकी है। मौके पर राष्ट्रीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा.ब्रजेश कुमार शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव दिवेश कुमार ङ्क्षसह, प्रो.सत्येंद्र कुमार टुनटुन, दिव्यांशु सौरव, प्रशांत गौतम, रवि भूषण, सूरज कुमार ङ्क्षसह, अजय राय, सिद्धार्थ चौधरी, श्रीनिवास, अंकित आनंद, संतोष कुमार ङ्क्षसह, पुरुषोत्तम कुमार, प्रेम, कन्हैया कुमार, अजय कुमार मिश्रा, श्याम सुंदर ङ्क्षसह, नीरज कुमार, मनोरंजन कुमार, संतोष कुमार आदि उपस्थित थे।