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Chandrayaan 3 मिशन में बिहार के लाल अमिताभ ने निभाई ऑपरेशन डायरेक्टर की भूमिका, सफलता पर भावुक हो गए पिता

Chandrayaan 3 Launching चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग में बिहार के बेटे की भी भूमिका रही। जैसे ही अमिताभ के पिता ने चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की बात सुनी वे भावुक हो उठे। उन्होंने बेटे को लेकर बताया कि वह बचपन में रेडियों के पुर्जे-पुर्जे खोल देता था आज उसकी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में भूमिका देखकर गौरवान्वित और खुशी से गदगद हैं।

By Vinod GiriEdited By: Roma RaginiUpdated: Sat, 15 Jul 2023 10:01 AM (IST)
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Chandrayaan 3 मिशन में बिहार के लाल अमिताभ ने निभाई ऑपरेशन डायरेक्टर की भूमिका
विनोद कुमार गिरि, समस्तीपुर। चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग में बिहार के समस्तीपुर जिले के लाल अमिताभ कुमार की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। वे लीड करनेवाली टीम का हिस्सा हैं। इस मिशन में वे ऑपरेशन डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं।

इसरो में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात अमिताभ और उनकी टीम की देखरेख में चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा। वह चंद्रयान-2 में डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर और ऑपरेशन डायरेक्टर रहे हैं।

उन्होंने मिशन चंद्रयान-1 में भी प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम किया है। उनके अनुभव को देखते हुए इस मिशन में भी अहम जिम्मेदारी दी गई है। बचपन में खेल-खेल में रेडियो के पार्ट-पुर्जे खोलकर उन्हें दोबारा जोड़ने का अभ्यास करनेवाले अमिताभ की उपलब्धि देख समस्तीपुर के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

पूसा प्रखंड अंतर्गत कुबौलीराम गांव निवासी और सर्वोदय उच्च विद्यालय वैनी में हिंदी के प्राध्यापक पद से सेवानिवृत्त रामचंद्र सिंह अपने पुत्र की सफलता से गदगद हैं। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे हैं। चलने-फिरने में भी दिक्कत है, लेकिन जैसे ही उन्होंने चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की बात सुनी, वे भावुक हो उठे।

अमिताभ की पढ़ाई की बात करें तो उनकी शिक्षा-दीक्षा गांव में ही हुई। सर्वोदय उच्च विद्यालय वैनी से 10वीं पास की। 1989 में एएन कालेज, पटना से इलेक्ट्रॉनिक्स से एमएससी तक की पढ़ाई की। इसके बाद बीआइटी मेसरा से एमटेक किया।

2002 में इसरो से जुड़े

अमिताभ के पिता बताते हैं कि एमटेक करने के अंतिम साल में उन्होंने प्रोजेक्ट वर्क के लिए इसरो के तीन केंद्रों पर आवेदन दिया। उन्हें बुलावा जोधपुर केंद्र से आया। 2002 में वे इसरो से जुड़े।

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