Air India ने अपने पहले A350-900 विमान का अधिग्रहण किया पूरा, इस साल के अंत तक भारत आने की उम्मीद
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने आज घोषणा की कि एयरलाइन ने एचएसबीसी के साथ वित्त लीस सौदे के माध्यम से गिफ्ट सिटी से अपने पहले ए350-900 विमान का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। यह देश के पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) गिफ्ट सिटी के माध्यम से पट्टे पर लिया जाने वाला पहला वाइड-बॉडी विमान भी है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Fri, 29 Sep 2023 05:04 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली: टाटा ग्रुप की स्वामित्व वाली एयर इंडिया (Air India) ने आज कहा कि एयरलाइन ने GIFT सिटी से HSBC के साथ फाइनेंस लीस ट्रांजैक्शन के माध्यम से अपने पहले A350-900 विमान का अधिग्रहण पूरा कर लिया है।
देश के पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) गिफ्ट सिटी के माध्यम से लीस पर लिया जाने वाला पहला वाइड बॉडी विमान भी है।
कुल 470 विमान का है ऑर्डर
एयरलाइन की बताया कि यह ट्रांजैक्शन लेनदेन एयरलाइन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एआई फ्लीट सर्विसेज लिमिटेड (AIFS) द्वारा पूरा किया गया है।एयर इंडिया ने इस साल की शुरुआत में कुल 470 नए विमानों का ऑर्डर दिया था जिसमें से A350-900 पहला वित्तीय सौदा है।
कौन-कौन से हैं 470 विमान?
एयर इंडिया की ओर से दिए गए 470 विमानों में से छह A350-900 विमान, 34 A350-1000s विमान, 20 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान, 10 बोइंग 777X विमान, 140 A320 नियो (neos) विमान, 70 A321 नियो विमान और 190 बोइंग 737MAXs विमान का ऑर्डर दिया था।एयर इंडिया ने इस साल जून में एयरबस और बोइंग के साथ इन विमानों के अधिग्रहण के लिए खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
अभी जो एयरलाइन ने अधिग्रहण किया है वो इन छह A350-900 विमानों में से पहले की हुई है। बाकी के पांच विमानों की डिलीवरी मार्च 2024 तक होनी है।
इस साल के अंत तक भारत आ जाएगा पहला A350-900
एयर इंडिया ने बताया कि उसे उम्मीद है कि इस साल के अंत तक एयरलाइन के पास पहला A350-900 विमान भारत आ जाएगा। समाचार एजेंसी पीटीआई को एयर इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक एवं परिवर्तन अधिकारी निपुण अग्रवाल ने कहा कियह ऐतिहासिक लेन-देन GIFT IFSC से हमारे विमान पट्टे के व्यवसाय की शुरुआत का प्रतीक है, क्योंकि AIFS विस्तृत निकाय विमान वित्तपोषण के लिए प्राथमिक एयर इंडिया समूह इकाई होगी, जो हमारे और हमारी सहायक कंपनियों के लिए भविष्य की विमान वित्तपोषण रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।