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हिंदी और अंग्रेजी ही नहीं, सात रीजनल लैंग्वेज में भी मिलेगी एयर इंडिया की कस्टमर सपोर्ट सर्विस

विमानन कंपनी ने एक बयान में कहा कि अब उसका सिस्टम यूजर के मोबाइल नेटवर्क के आधार पर भाषा वरीयता को अपनेआप पहचान लेगा। इससे मैन्युअल तरीके से भाषा चुनने की जरूरत खत्म हो जाएगा। इससे पूरी प्रक्रिया में लगने वाला वक्त भी कम हो जाएगा। एयरलाइन की ग्राहक सहायता सेवा में सात नई क्षेत्रीय भाषाओं में मदद चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगी।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 27 Aug 2024 07:09 PM (IST)
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रीजनल लैंग्वेज जोड़ने से कई यात्रियों को सहूलियत होगी।

पीटीआई, नई दिल्ली। घरेलू विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अपनी कस्टमर सपोर्ट सर्विस को बेहतर बनाया है, ताकि यात्रियों को अनुभव को बेहतर किया जा सके। टाटा ग्रुप के मालिकाना हक वाली कंपनी ने मंगलवार को कहा कि इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स (IVR) सिस्टम में सात नई क्षेत्रीय भाषाएं जोड़ी गई हैं। इससे उन यात्रियों को सहूलियत होगी, जो अपनी क्षेत्रीय भाषा में सवालों का जवाब चाहते हैं।

किन नई भाषाओं को जोड़ा गया?

अभी तक एयर इंडिया के आईवीआर सिस्टम में यात्री सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी में बात कर सकते थे। लेकिन, अब वे बांग्ला, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगू में भी क्वेरी कर सकेंगे।

विमानन कंपनी ने एक बयान में कहा कि अब उसका सिस्टम यूजर के मोबाइल नेटवर्क के आधार पर भाषा वरीयता को अपनेआप पहचान लेगा। इससे मैन्युअल तरीके से भाषा चुनने की जरूरत खत्म हो जाएगा। इससे पूरी प्रक्रिया में लगने वाला वक्त भी कम हो जाएगा। एयरलाइन की ग्राहक सहायता सेवा में सात नई क्षेत्रीय भाषाओं में मदद चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगी।

एयर इंडिया ने हाल ही में पांच नए संपर्क केंद्र स्थापित किए हैं। ये केंद्र प्रीमियम और लगातार उड़ान भरने वाले यात्रियों के लिए हैं। इन डेस्क पर विमानन कंपनी दुनियाभर में अपने ग्राहकों को चौबीसों घंटे सहायता प्रदान करती है।

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