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आर्थिक बदहाली की कगार पर पाकिस्तान, उधारी के मामले में टूटा दो साल का रिकॉर्ड

पाकिस्तान सरकार पर जुलाई 2023 से 7 जून 2024 तक 7.39 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये की भारी उधारी थी। इससे पहले के दो वित्त वर्ष को मिलाकर कुल उधारी 7.16 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये अधिक थी। बैंकरों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 24 के लिए कुल उधारी 30 जून तक 8 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच सकती है। वहीं राजस्व के मामले में कोई उल्लेखनीय बढ़ोतरी नहीं हो रही है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 25 Jun 2024 02:13 PM (IST)
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वित्त वर्ष 25 में लोन के लिए कुल 9.77 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये का आवंटन होगा।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान का आर्थिक संकट लगातार गहरा हो रहा है। उसके सामने भारी महंगाई से जूझ रही जनता को राहत देने की चुनौती है। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) उस पर लगातार टैक्स बढ़ाने का दबाव डाल रहा है, ताकि सरकार का राजस्व बढ़े। इससे जाहिर तौर पर जनता की नाराजगी बढ़ेगी, जो पहले ही कमरतोड़ महंगाई से जूझ रही है।

पाकिस्तान को आखिर में कर्ज का ही सहारा है। लेकिन, इस मोर्चे पर भी चुनौती हद से ज्यादा बढ़ गई है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती 11 महीनों में सरकार की उधारी पिछले दो वित्त वर्ष के संयुक्त आकंड़े से अधिक हो गई है।

कितनी है पाकिस्तान पर उधारी

पाकिस्तान सरकार पर जुलाई 2023 से 7 जून 2024 तक 7.39 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये की भारी उधारी थी। इससे पहले के दो वित्त वर्ष को मिलाकर कुल उधारी 7.16 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये अधिक थी। बैंकरों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 24 के लिए कुल उधारी 30 जून तक 8 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच सकती है।

पाकिस्तान को इस भारी उधारी का खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। सरकार महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं के लिए सही से धन आवंटित नहीं कर पा रही है। पाकिस्तान की आमदनी का बड़ा जरिया फिलहाल टैक्स है। लेकिन, इसका एक बड़ा हिस्सा कर्ज और उसका ब्याज चुकाने में ही चला जाता है।

पाकिस्तान के बजट का हाल

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पाकिस्ता नके बजट दस्तावेज के अनुसार, "सरकार घरेलू कर्ज पर 7.21 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये और विदेशी कर्ज पर अतिरिक्त 1.04 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये खर्च करेगी। इससे कुल राशि 8.25 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये हो जाएगी।" यह आंकड़ा वित्त वर्ष 25 में और बढ़ने वाला है, जिसमें अकेले लोन के लिए कुल 9.77 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये का आवंटन होगा।

पाकिस्तान सरकार आर्थिक बदहाली के बीच राजस्व बढ़ाने का उपाय भी कर रही है। खासकर, उसका जोर टैक्स कलेक्शन बढ़ाने पर है। लेकिन, आर्थिक जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान ने टैक्स कलेक्शन का जो महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, उसे हासिल करना मुश्किल है। पाकिस्तान पिछले वित्त वर्ष के लिए कर संग्रह के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया और इस बार भी जनता टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर काफी नाराज है।

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