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Delhi: निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम, अभिभावकों पर महंगी किताबें और यूनिफार्म खरीदने का दबाव बनाया तो होगी कार्रवाई

शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान अभिभावकों को राहत दी है। शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों को चेतावनी दी कि अगर अभिभावकों पर महंगी किताबें और यूनिफार्म स्कूल से ही खरीदने का दबाव बनाया तो कार्रवाई होगी। अभिभावकों की शिकायतों को लेकर शिक्षा निदेशालय ने प्रधानाचार्यों को परिपत्र जारी किया है। साथ ही कहा कि सभी स्कूलों को निदेशालय के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।

By Ritika Mishra Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 16 Apr 2024 07:36 AM (IST)
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अभिभावकों पर महंगी किताबें और यूनिफार्म खरीदने का दबाव बनाया तो होगी कार्रवाई

रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। नया शैक्षणिक सत्र शुरु होने के साथ ही निजी स्कूलों की महंगी किताबें और यूनिफार्म को स्कूल से ही खरीदने के अभिभावकों की शिकायतों को लेकर शिक्षा निदेशालय ने प्रधानाचार्यों को परिपत्र जारी किया है।

निदेशालय ने महंगी किताबों और यूनिफार्म की शिकायतों को लेकर दैनिक जागरण की खबर का संज्ञान लेते हुए कहा कि अगर स्कूल किताब और यूनिफार्म को लेकर शिक्षा निदेशालय के नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनपर सख्त कार्रवाई होगी।

अभिभावकों को इस संबंध में करें जागरूक

निदेशालय ने निर्देश जारी किए कि स्कूलों को इस सत्र में पेश की जाने वाली पुस्तकों और लेखन सामग्री की कक्षावार सूची व यूनिफार्म नियम के अनुसार पहले से ही स्कूल की वेबसाइट पर और स्कूल में एक विशिष्ट स्थान पर प्रदर्शित करना होगा, ताकि अभिभावकों को इस संबंध में जागरूक किया जा सके।

निदेशालय ने कहा कि स्कूलों को नजदीक के कम से कम पांच किताब व यूनिफार्म विक्रेताओं के नाम, पते और टेलीफोन नंबर प्रदर्शित करने होंगे, जिससे छात्र अपने अभिभावकों के साथ जाकर सुविधानुसार वहां से जाकर खरीद सकें।

वहीं, अभिभावक किसी अन्य उपलब्ध विक्रेता से भी किताबें, लेखन सामग्री व वर्दी खरीद सकते हैं। निदेशालय ने कहा कि स्कूल किसी भी माता-पिता या छात्र को किसी भी चयनित विक्रेता से किताबें व यूनिफार्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं।

सख्ती से करना होगा नियमों का पालन

इसके साथ ही निदेशालय ने कहा कि एक बार निर्धारित होने के बाद स्कूल कम से कम अगले तीन वर्षों तक यूनिफार्म का रंग, डिजाइन या कोई अन्य विशिष्टता नहीं बदलेगा। निदेशालय के अधिकारी ने कहा कि सभी स्कूलों को निदेशालय के इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। अगर कोई स्कूल ऐसा नहीं करता है तो इसे बहुत गंभीरता से लिया जाएगा और उस पर कार्रवाई की जाएगी।

सभी स्कूल अपनी वेबसाइट पर किताब और यूनिफार्म विक्रेताओं की सूची डाल चुके हैं। जिन्होंने नहीं डाली है उनको एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि वो वेबसाइट पर सूची प्रदर्शित करें, ताकि अभिभावकों को किसी प्रकार की समस्या न हो।

-भरत अरोड़ा, अध्यक्ष, एक्शन कमेटी अनएडेड रिकाग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स

शिक्षा निदेशालय ने आज तक कितने ही स्कूलों पर कार्रवाई की। हर साल केवल कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए जाते हैं। जिन स्कूलों ने अपनी वेबसाइट पर किताब और यूनिफार्म विक्रेताओं की सूची डाली है वो भी नकली है। स्कूलों और शिक्षा अधिकारी नियमों के नाम पर बस खानापूर्ति करते हैं। स्कूलों ने जिन विक्रेताओं के नंबर व पते उपलब्ध कराए हैं वहां पर न तो किताब मिलती है और न ही यूनिफार्म। कार्रवाई का आदेश भी निदेशालय ने सत्र शुरु होने के 15 दिन बाद जारी किया गया है।

- अपराजिता गौतम, अध्यक्ष, दिल्ली अभिभावक संघ