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Pooja Khedkar: पूजा खेडकर की बढ़ी मुश्किलें, दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस; पढ़ें पूरा मामला

Pooja Khedkar पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा नोटिस जारी किया गया है। यूपीएससी ने एक बार फिर से गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया और पूजा खेडकर पर आरोप लगाया कि उन्होंने अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करके झूठी गवाही दी है। पढ़िए आखिर पूजा खेडकर के मामले में ताजा क्या अपडेट है।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 19 Sep 2024 05:27 PM (IST)
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Pooja Khedkar: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर को नोटिस जारी किया है। फाइल फोटो

एएनआई, नई दिल्ली: Pooja Khedkar यूपीएससी ने गुरुवार को पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। यूपीएससी ने आरोप लगाया कि उन्होंने अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करके झूठी गवाही दी है।

गलत बयान और हलफनामा देने के लिए पूजा खेडकर के विरुद्ध झूठी गवाही की कार्यवाही शुरू करने की मांग से संबंधी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर से जवाब मांगा है।

अदालत ने पूजा को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 26 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। यूपीएससी ने तर्क दिया कि 31 जुलाई को खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने की सूचना उन्हें उसी दिन उनकी पंजीकृत ई-मेल आईडी पर दी गई थी।

हेरफेर करने का लगाया आरोप

यूपीएससी ने आरोप लगाया कि खेडकर ने न्यायिक प्रणाली में हेरफेर करने का प्रयास किया और कहा कि पूजा खेडकर ने झूठा हलफनामा दायर करके झूठी गवाही दी है। इस तरह का झूठा बयान देने के पीछे का उद्देश्य स्वाभाविक रूप से झूठे बयान के आधार पर अनुकूल आदेश प्राप्त करने का प्रयास प्रतीत होता है।

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने कहा कि आयोग द्वारा उनके बायोमेट्रिक्स एकत्र करने का दावा पूरी तरह से झूठा है और इसका एकमात्र उद्देश्य अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए इस न्यायालय को धोखा देना है।

यूपीएससी ने कहा कि उक्त दावे को अस्वीकार किया जाता है क्योंकि आयोग ने उनके व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान कोई बायोमेट्रिक्स (आंखों और उंगलियों के निशान) एकत्र नहीं किए थे या इसके आधार पर सत्यापन का कोई प्रयास नहीं किया था।

आयोग ने अब तक आयोजित सिविल सेवा परीक्षाओं के व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान किसी भी उम्मीदवार से कोई बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र नहीं की है।

कोर्ट ने पूजा खेडकर से मांगा जवाब

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने पूजा खेडकर से जवाब मांगा और मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत के मामले के साथ 26 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया।

दिल्ली उच्च न्यायालय की यह पीठ वर्तमान में पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका की भी जांच कर रही है और मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है।

यूपीएससी के ये वकील हुए पेश

यूपीएससी की ओर से वकील नरेश कौशिक सीनियर एडवोकेट, वर्धमान कौशिक एडवोकेट, निशांत गौतम एडवोकेट, मयंक शर्मा एडवोकेट, आनंद सिंह एडवोकेट और विनय कौशिक एडवोकेट पेश हुए।

बताया गया कि पूजा खेडकर ने हाल ही में सिविल सेवा परीक्षा में कथित रूप से "अनुमेय सीमा से अधिक प्रयासों का लाभ उठाने के लिए अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश किया। इसीलिए उनके खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में एक अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा दायर एक आवेदन पर निलंबित ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को भी नोटिस जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने अपनी याचिका में गलत दावा किया है कि उन्हें उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश नहीं दिया गया था।

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यूपीएससी ने कहा कि उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के संबंध में उन्हें उनके पंजीकृत मेल आईडी पर सूचित किया गया था। इसलिए उन्होंने पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष झूठा दावा किया कि 31.07.2024 की प्रेस विज्ञप्ति उन्हें आधिकारिक रूप से सूचित नहीं की गई थी।