Ganesh Utsav in Delhi: मूर्ति विसर्जन को लेकर डीपीसीसी ने जारी की गाइडलाइन, उल्लंघन करने वालों पर लगेगा भारी जुर्माना
डीपीसीसी ने मूर्तिकारों और मूर्ति बेचने वालों के लिए प्राकृतिक मिट्टी का इस्तेमाल करने और आम लोगों के लिए सुरक्षा मानकों का ध्यान रखने के निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा स्थानीय निकाय प्राधिकरणों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। गणेश उत्सव (Ganesh Utsav), दुर्गा पूजा (Durga Puja) व अन्य आगामी त्योहारों को लेकर डीपीसीसी (Delhi Pollution Control Committee, DPCC) अलर्ट मोड पर आ गई है। डीपीसीसी ने त्योहारों के दौरान प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए आम जनता से लेकर प्राधिकरणों और स्थानीय निकायों को दिशा- निर्देश जारी किए हैं। वहीं नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने जहां गणेश उत्सव और दुर्गा पूजा में प्राकृतिक जल स्त्रोतों में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाई है तो वहीं प्रदूषण को कम करने के लिए कई अन्य हिदायतें जारी की हैं। डीपीसीसी ने मूर्तिकारों और मूर्ति बेचने वालों के लिए प्राकृतिक मिट्टी का इस्तेमाल करने और आम लोगों के लिए सुरक्षा मानकों का ध्यान रखने के निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा स्थानीय निकाय, प्राधिकरणों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पढ़िए किसे कौन से निर्देश किसे जारी किए गए हैं-
आम लोगों के लिए जारी हुए ये निर्देश
प्राधिकारियों द्वारा बनाए गए विसर्जन स्थल के अलावा अन्य किसी भी जल स्त्रोत, तालाब या घाट पर पीओपी निर्मित मूर्तियों का विसर्जन न करें। यमुना नदी के किनारे मूर्ति विसर्जन के दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान रखें। जहां तक संभव हो, मूर्ति विसर्जन कृत्रिम तालाब में करने को बढ़ावा दें। पूजा के बाद पूजा सामग्री के निपटान के लिए उसे पृथक रूप से एकत्रित करना चाहिए।
स्थानीय निकायों व प्राधिकरणों को जारी दिशा निर्देश
शहरी निकायों को सीपीसीबी की गाइडलाइन्स के अनुसार विसर्जन के लिए अस्थायी व कृत्रिम तालाब बनाने चाहिए। भारी वाहनों में बाहर से लाई जाने वाली प्रतिबंधित मूर्तियों पर रोक लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन और दिल्ली पुलिस वाहनों की जांच करे। सभी नगर निकाय दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दें कि मूर्तियों के गैर कानूनी निर्माण पर कार्रवाई करें। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस को जोनल आफिस को निर्देश जारी करना होगा।
50 हजार का लगेगा जुर्माना
बायोडिग्रेडेबल कचरे को कंपोस्ट करने के लिए अलग-अलग एकत्रित होने चाहिए। गैर बायोडिग्रेडेबल कचरे को सैनिटरी लैंडफिल्स में निस्तारित करने के लिए एकत्रित होने चाहिए। मूर्ति विसर्जन के लिए सभी जिला मजिस्ट्रेटों को एनएमसीजी के आदेशों को लागू करवाना होगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों से पर्यावरण मुआवजे के तौर पर 50 हजार का जुर्माना डीपीसीसी को जमा करवाना होगा।
मूर्तिकारों और मूर्ति बेचने वालों के लिए निर्देश
मूर्तियों के निर्माण में प्राकृतिक मिट्टी और बायोग्रेडेबल पदार्थाें का इस्तेमाल करें। मूर्तियों की सजावट के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें। पीओपी से बनी मूर्तियों को जल स्त्रोतों में विसर्जित नहीं किया जाना चाहिए।