कांग्रेस के सांसद और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की लोकसभा में जैसी तरफदारी की, वह हैरान और परेशान करने वाली है। यह अकल्पनीय है कि जिस कांग्रेस के नेताओं को खालिस्तानी आतंकवाद के चलते अच्छी-खासी क्षति उठानी पड़ी, उसका ही एक सांसद संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों के चलते अमृतपाल सिंह सरीखे अलगाववादी का खुला समर्थन करने के लिए आगे आ गया। इससे भी खराब बात यह रही कि उनके आपत्तिजनक बयान के बावजूद कांग्रेस के नेता उनसे असहमति जताने या उनका विरोध करने के स्थान पर गोल-मोल बातें कर कर्तव्य की इतिश्री करने में लगे हुए हैं।

क्या कांग्रेस को यह स्मरण नहीं कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी खालिस्तानी आतंकियों का ही निशाना बनी थीं? आखिर पंजाब के मुख्यमंत्री रहे और वहीं से सांसद चुने गए चरणजीत सिंह चन्नी यह कैसे भूल गए कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या खालिस्तानी आतंकियों ने ही की थी? चरणजीत सिंह चन्नी के बयान से यह भी साफ है कि वह यह समझने को तैयार नहीं कि हाल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी, यदि अमृतपाल सिंह जैसे खालिस्तान समर्थक चुनाव मैदान में नहीं उतरे होते। वह अमृतपाल सिंह की तरफदारी में इस हद तक बहक गए कि यह तक कह बैठे कि उसे 20 लाख वोटों से सांसद चुना गया है।

चरणजीत सिंह चन्नी बेतुके बयान पहले भी दे चुके हैं। एक बार जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले को उन्होंने स्टंटबाजी करार दिया था। इसी तरह पंजाब में जब प्रधानमंत्री का काफिला रोक लिया गया था तो बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने कहा था कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी तो सीमा सुरक्षा बल की थी। अच्छा हो कि उनका कोई शुभचिंतक उन्हें यह याद दिलाए कि यदि अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में बंद है तो अदालत की अनुमति से। चरणजीत सिंह चन्नी न सही, कांग्रेस के अन्य नेताओं को तो यह आभास होना ही चाहिए कि चन्नी अमृतपाल सिंह का समर्थन करके न केवल पंजाब में खालिस्तान समर्थकों को खाद-पानी देने का काम कर रहे हैं, बल्कि दुनिया के अनेक देशों और विशेष रूप से कनाडा, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और यूरोप के देशों में सक्रिय खालिस्तानी अतिवादियों को भारत के खिलाफ माहौल बनाने और विषवमन करने का अवसर भी दे रहे हैं।

ऐसा लगता है कि कांग्रेस को अभी यह समझ नहीं आया कि एक समय उसने खालिस्तानी अतिवादियों के प्रति नरमी बरत कर पंजाब और साथ ही देश का कितना नुकसान किया था। यह कांग्रेस की पुरानी और खतरनाक आदत है कि वह अपने राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए किस्म-किस्म के अतिवादियों, समाज विरोधियों और साथ ही देश के लिए खतरा बने तत्वों के प्रति आवश्यकता से अधिक उदार हो जाती है। यह आदत देशघाती है।