Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Sardarpura Constituency: 'यहां BJP समर्थक भी अशोक गहलोत को वोट देते हैं', हरदेव राम बिश्नोई का दावा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लंबे समय से गढ़ रहे सरदारपुरा निर्वाचन क्षेत्र को लेकर हरदेव राम बिश्नोई ने दावा किया कि यहां केवल कांग्रेस ही नहीं भाजपा कार्यकर्ता भी गहलोत को वोट देते हैं। बिश्नोई को आगामी राज्य चुनावों में छठी बार गहलोत की जीत का भरोसा है। बिश्नोई अकेले नहीं हैं जो यह मानते हैं कि गहलोत इस क्षेत्र से अजेय हैं।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 10 Nov 2023 03:55 PM (IST)
Hero Image
सरदारपुरा निर्वाचन क्षेत्र में अशोक गहलोत को लेकर हरदेव राम बिश्नोई का दावा

पीटीआई, जोधपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लंबे समय से गढ़ रहे सरदारपुरा निर्वाचन क्षेत्र को लेकर हरदेव राम बिश्नोई ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा, "यहां केवल कांग्रेस ही नहीं, भाजपा कार्यकर्ता भी गहलोत को वोट देते हैं।"

बिश्नोई ने कहा, "सरदारपुरा में, हम मुख्यमंत्री के लिए वोट करते हैं, न कि सिर्फ एक विधायक के लिए।" बिश्नोई को आगामी राज्य चुनावों में छठी बार गहलोत की जीत का भरोसा है। बिश्नोई अकेले नहीं हैं जो यह मानते हैं कि गहलोत इस क्षेत्र से अजेय हैं।

विकास कार्यों और योजनाओं को सराहा

बिश्नोई को दोस्तों के एक समूह के साथ 'हटाई' के लिए बातचीत करते हुए पाया गया। इस दौरान, ग्रुप के एक अन्य व्यक्ति सुरेंद्र भाटी ने जोधपुर में हुए विकास कार्यों और गहलोत सरकार की योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में, जोधपुर को AIIMS, IIT, NIFT, एक कानून विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष संस्थान मिले हैं, बेहतर सड़कें और बुनियादी ढांचा मिला है।"

पांचवीं बार कर रहे जोधपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व

जोधपुर को लंबे समय से एक व्यक्ति के नाम से जाना जाता है और वह अशोक गहलोत हैं। राज्य की राजनीति में आने से पहले उन्होंने 1980 से 1998 के बीच पांच बार जोधपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। तब से वह पांच बार सरदारपुरा से विधायक और तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हैं।

भाजपा से गजेंद्र सिंह शेखावत कर रहे प्रतिनिधित्व

पिछले दो लोकसभा चुनावों से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जोधपुर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन जब बात सरदारपुर विधानसभा की आती है, तो यहां गहलोत का प्रभाव साफ दिखता है। 2008 के बाद से हर विधानसभा चुनाव के साथ उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया है।

2008 में, गहलोत ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार को 15,000 से अधिक वोटों से हराया, जो 2013 में बढ़कर 18,478 वोट हो गया और 2018 में 45,597 तक पहुंच गया।

25 नवंबर को होगा मतदान

मालूम हो कि इस साल राजस्थान विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। सरदारपुरा में, राजनीतिक बहसें गहलोत, उनके कल्याण कार्यों और सबसे ऊपर, सरदारपुरा के लोगों को राज्य को अपना सीएम देने के गर्व तक ही सीमित हैं।

यह भी पढ़ें: Rajasthan Election 2023: कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, सीएम गहलोत के विश्वस्त दाधीच हुए भाजपा में शामिल

अपने क्षेत्र के मुद्दों को देखते हैं गहलोत

मुख्यमंत्री होने के नाते गहलोत की निर्वाचन क्षेत्र से अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर, जगदीश कुमार ने कहा, "यहां कोई काम कभी नहीं रुकता। मुख्यमंत्री अपने निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों को देखते हैं। उन्हें पूरे राज्य की देखभाल करनी है। उनकी योजनाएं चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा से लेकर मुद्रास्फीति और राहत शिविरों तक लोगों के लिए बहुत कुछ किया है।"

भाजपा पार्षद अशोक खींची ने कहा, "भाजपा ने पिछले कुछ वर्षों में ठोस काम किया है। महेंद्र सिंह राठौड़ एक नए उम्मीदवार हैं और उन्होंने जोधपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में काम करके अपनी योग्यता साबित की है।" 

यह भी पढ़ें: Rajasthan Polls 2023: 'राजस्थान में सरकार फिर आएगी, पर...', मुख्यमंत्री पद को लेकर क्या बोले जयराम रमेश