मौत का अंडरपास: बैंक मैनेजर और कैशियर की मौत के मामले में जांच शुरू, ADC ने अफसरों को भेजा नोटिस
Faridabad SUV Accident फरीदाबाद में एक अंडरपास में एसयूवी कार डूबने से बैंक मैनेजर पुन्याश्रय शर्मा और कैशियर विराज द्विवेदी की मौत हो गई थी। इस मामले में जांच शुरू हो गई है। वहीं एडीसी ने निगम के अधिकारियों को नोटिस भेजा है। उधर बैंक मैनेजर की मौत होने से पूरे इलाके में गम का माहौल है और परिवार में मातम पसरा हुआ है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। शुक्रवार देर रात ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास के जलभराव का शिकार हुए बैंक के वाइस प्रेसीडेंट पुन्याश्रय शर्मा और कैशियर विराज द्विवेदी के मामले की जांच प्रशासनिक और पुलिस स्तर पर शुरू हो गई है। डीसी के आदेश पर मामले की जांच अतिरिक्त उपायुक्त आनंद शर्मा शुरू कर दी है।
अधिकारियों को भेजा नोटिस
उन्होंने नगर निगम की इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों को नोटिस भेजकर सोमवार को सुनवाई में शामिल होने के लिए कहा है। जांच में पीड़ित परिवार को भी शामिल किया जाएगा, ताकि वह भी अपनी शिकायत दे सकें। निगमायुक्त ए मोना श्रीनिवास भी इस मामले में शुक्रवार को ही चीफ इंजीनियर से रिपोर्ट मांग चुकी है। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
उधर, इस मामले में पुलिस खुद संज्ञान ले रही है। उन्होंने भी जांच शुरू कर दी है। मृतक विराज के भाई विक्रम ने भी मुकदमा दर्ज कराने के लिए शिकायत तैयार कर ली है। सोमवार को एनआईटी थाने में शिकायत दी जाएगी।
बहुत खुशमिजाज के थे विराज
विराज के साथ बैंक में काम करने वाले विवेक पांडे ने बताया कि विराज रोज सुबह उठकर पूजा करना, फिर बैंक में आकर सभी से हंसते रहना। चिंता तो उसके मुख पर दिखाई ही नहीं देती थी। यह बहुत बड़ी क्षति है। दूसरे साथी सुरेंद्र मिश्रा ने बताया कि विराज जैसा कोई नहीं हो सकता।
वाइस प्रेसीडेंट पुन्याश्रय शर्मा के बारे में अमित बताते हैं कि बड़ा अधिकारी होने के बावजूद सभी से हर समय प्यार से बात करते थे। हादसे के बाद कई बैंककर्मियों ने उनकी फोटो अपनी डीपी पर लगा ली। ग्रेटर फरीदाबाद की ओमेक्स सोसायटी में जहां पुन्याश्रय शर्मा रहते थे, वहां गमगीन माहौल है। पूरी सोसायटी में रविवार को भी इस हादसे की चर्चा होती रही।
पैतृक गांव में किया गया अंतिम संस्कार
ओमेक्स सोसायटी में रहने वाले तुलिंद्र ने बताया कि वह परिवार को जानते तो नहीं हैं, लेकिन यहां सभी उन्हें बहुत अच्छा बता रहे हैं। हादसा बहुत बुरा हुआ। मृतकों के शव का अंतिम संस्कार उत्तर प्रदेश स्थित उनके पैतृक गांव में किया गया था। ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास में रविवार को पानी निकाल दिया गया था। लेकिन आवागमन शुरू नहीं हो सका। अंडरपास के सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की हुई है। अंडरपास में बहुत कचरा व फिसलन हो गई है।
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वहीं, एनएचपीसी रेलवे अंडरपास में भी जलभराव देखा गया। इसके बीच वाहनों का आवागमन जारी था। अंडरपास में जलभराव से छुटकारे के लिए पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंडरपास का निरीक्षण किया था। इसके बावजूद इस दिशा में एक कदम भी नहीं बढ़ सका। रविवार को अंडरपास पर मिले प्रदीप ने बताया कि घटना के समय वह मौजूद थे। पानी में डूबी कार से पुन्याश्रय और विराज बाहर निकल गए थे।
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डीसीपी ट्रैफिक ने दी चेतावनी डीसीपी ट्रैफिक ऊषा ने बढ़ते हादसों को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है। स्पष्ट कहा है कि यदि किसी हादसे में विभागीय लापरवाही सामने आई तो पुलिस खुद मुकदमा दर्ज करेगी। डीसीपी ने बताया कि अधिकतर मामलों में विभागीय लापरवाही देखने को मिल रही है।
ऐसे हुआ था हादसा
मूलरूप से घूरामऊ, संजय नगर सीतापुर उत्तर प्रदेश के पुन्याश्रय शर्मा यहां पांच साल से ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-86 स्थित ओमेक्स हाईट्स में रहते थे। वह गुरुग्राम सेक्टर-31 स्थित एचडीएफसी बैंक में वाइस प्रेसीडेंट थे। बैंक में कार्यरत कैशियर विराज द्विवेदी निवासी भीटी दुबानेका पूरवा, आंबेडकर नगर, उत्तर प्रदेश गुरुग्राम में इफको चौक के पास रहते थे। बैंक से छुट्टी होने के बाद शुक्रवार रात पुन्याश्रय शर्मा विराज द्विवेदी संग कार से सोसायटी लौट रहे थे। दोनों को शनिवार को किसी काम से दिल्ली जाना था। इसलिए विराज को वह अपने साथ ला रहे थे। ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास के जलभराव अधिक होने से इनकी कार फंस गई और दोनों की डूबकर मौत हो गई।
अंडरपास बनाने की तकनीक ही सही नहीं होती। पूरा अंडरपास ऊपर से ढका होना चाहिए। आने-जाने वाली जगह ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे वर्षा का पानी अंदर न जाए। यदि जाए तो तुरंत पानी निकासी के इंतजाम होने चाहिए। - रोहित बलूजा, निदेशक, कालेज आफ ट्रैफिक मैनेजमेंट, सूरजकुंड रोड
हादसा बहुत बड़ा है। सूचना मिलते ही मैं घटनास्थल पर पहुंच गया था। इस मामले की रिपोर्ट तैयार करा रहे हैं। लापरवाही सामने आने पर कानूनी कार्रवाई जरूर की जाएगी। ऐसा हादसा दोबारा न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। - कुलदीप सिंह, डीसीपी एनआईटी
अधिकतर सड़क हादसे विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से होते हैं। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कई बार मुद्दा उठा चुके हैं कि जिम्मेदारों पर मुकदमे दर्ज होने चाहिए। आरोपित गिरफ्तार होने चाहिए। - सरदार देवेंद्र सिंह, सदस्य, स्टेट रोड़ सेफ्टी काउंसिल, हरियाणा