ट्रैफिक जाम से किसी खास इलाके के नहीं बल्कि पूरे गुरुग्राम शहर के अधिकतर इलाकों के लोग परेशान हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मेट्रो विस्तार की वर्चुअल आधारशिला रखने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा। चार वर्षों में 5452.72 करोड़ रुपये की लागत से 28.50 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। कुल 27 स्टेशन होंगे।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। आईटी, आईटी इनेबल्ड, टेलीकाम, ऑटोमाेबाइल एवं गारमेंट सेक्टर में विश्वस्तरीय पहचान बनाने वाली साइबर सिटी की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम है। मेट्रो विस्तार के बाद जहां सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बेहतर होगी, वहीं ट्रैफिक जाम से भी काफी हद तक निजात मिल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुक्रवार को रेवाड़ी में आयोजित रैली के माध्यम से मेट्रो विस्तार की वर्चुअल आधारशिला रखने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा।
ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत
आधारशिला रखे जाने से लाेगों में खुशी का आलम है। हर किसी को वर्षों से इस दिन का इंतजार था। ट्रैफिक जाम से किसी खास इलाके के नहीं, बल्कि शहर के अधिकतर इलाकों के लोग परेशान हैं। शहर के भीतर कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने से पहले दस बार सोचना पड़ता है। ट्रैफिक के दबाव की वजह से ही प्रदूषण का स्तर हमेशा ही अधिक रहता है। मेट्रो विस्तार से एक साथ कई समस्याएं दूर हो जाएंगी।
योजना के मुताबिक, मेट्रो का विस्तार मिलेनियम सिटी गुरुग्राम मेट्रो स्टेशन से आगे से होगा। कॉरिडोर शहर के विभिन्न इलाकों से होते हुए एंबियंस मॉल के सामने रैपिड मेट्राे स्टेशन से जुड़ेगा। इससे सेक्टर-34, सेक्टर-37, कादीपुर औद्योगिक क्षेत्र, बसई औद्योगिक क्षेत्र, उद्योग विहार औद्योगिक क्षेत्र कॉरिडोर से जुड़ जाएंगे। यही नहीं शहर के अधिकतर रिहायशी इलाके भी कॉरिडोर के नजदीक होंगे।
द्वारका तक विकसित होगा कॉरिडोर
इससे कामकाजी लाेगों को किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में जाने के लिए निजी वाहनों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा। अन्य लोग भी पैदल चलकर मेट्रो स्टेशनों के नजदीक पहुंच जाएंगे। रेजांग-ला चौक से दिल्ली में द्वारका तक कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इससे दिल्ली के इलाके में पहुंचने के लिए मेट्रो के दो कॉरिडोर हो जाएंगे। द्वारका तक कॉरिडोर विकसित किए जाने से एयरपोर्ट तक की मेट्रो कनेक्टिविटी हो जाएगी।
जानकारों का मानना है कि मेट्रो विस्तार के बाद साइबर सिटी में विकास की आंधी चलेगी, क्योंकि ट्रैफिक जाम ही सबसे बड़ी समस्या है। फिलहाल दिल्ली मेट्रो की सुविधा नए गुरुग्राम के कुछ ही इलाकों तक सीमित है। इसी तरह रैपिड मेट्रो की सुविधा भी नए गुरुग्राम के कुछ इलाकों तक ही है। इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए पुराने गुरुग्राम ही नहीं, बल्कि अन्य इलाके के लोगों को भी निजी वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ता है।
कॉरिडोर पर होंगे ये 27 स्टेशन
चार वर्षों में 5452.72 करोड़ रुपये की लागत से 28.50 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। कुल 27 स्टेशन होंगे। मिलेनियम सिटी गुरुग्राम मेट्रो स्टेशन (पुराना नाम हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन) से आगे एंबियंस मॉल के सामने तक कॉरिडोर विकसित होना है। इस पर सेक्टर-45, साइबर पार्क, सेक्टर-47, सुभाष चौक, सेक्टर-48, सेक्टर-72ए, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार फेज-छह, सेक्टर-10, सेक्टर-37, बसई गांव, सेक्टर-9, सेक्टर-सात, सेक्टर-चार, सेक्टर-पांच, अशोक विहार, सेक्टर-तीन, बजघेड़ा रोड, पालम विहार एक्सटेंशन, पालम विहार, सेक्टर-23ए, सेक्टर-22, उद्योग विहार फेज-चार, उद्योग विहार फेज-पांच एवं साइबर सिटी में मेट्रो स्टेशन होगा।
रिंगमेन सिस्टम की तरह दिखाई देगा कॉरिडोर
इससे पूरा कॉरिडोर रिंगमेन सिस्टम की तरह दिखाई देगा। साइबर सिटी की पहचान पूरी दुनिया में है। मेट्रो विस्तार से पहचान और मजबूत होगी, क्योंकि ट्रैफिक जाम की समस्या दाग जैसा है। कारोबार बहुत प्रभावित हो रहा है। कुछ किलोमीटर जाने-आने में ही काफी समय लग जाता है। ऐसे में विकास कैसे तेज होगा। - नरेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष, हरियाणा व्यापार मंडल
कई वर्षों से इस दिन का इंतजार था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधारशिला रखकर सपने काे साकार कर दिया है। कारिडोर विकसित होते ही शहर की तस्वीर बदल जाएगी। ट्रैफिक जाम खत्म होते ही विकास के पंख लगेंगे।
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मंगतराम बागड़ी, पूर्व पार्षद, नगर निगम
वैसे तो पूरा शहर ही ट्रैफिक जाम का दंश झेल रहा है लेकिन पालम विहार इलाका कुछ अधिक ही झेल रहा है। मेट्रो विस्तार से एक साथ कई समस्याएं दूर हो जाएंगी। फिलहाल ट्रैफिक का दबाव इतना है कि चौराहों के नजदीक सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
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गोविंद नारायण, अधिवक्ता व निवासी धर्म कालोनी
मेट्रो का विस्तार होते ही साइबर सिटी की परिवहन व्यवस्था सुधर जाएगी। अभी बहुत समस्या है। अधिकतर इलाकों में बिना निजी वाहन के पहुंच ही नहीं सकते। इस वजह से सड़कोंं पर ट्रैफिक का बहुत दबाव है। कई सड़कें तो ट्रैफिक जाम की प्रतीक बन चुकी हैं।
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सतीश ग्रोवर, आर्किटेक्ट व निवासी सेक्टर-पांचयह भी पढ़ें- हवा में उड़ रहा था ड्रोन, एंटीना से टकराकर जमीन पर गिरा; मिली ऐसी चीज कि पुलिस भी रह गई हैरान
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