तिरंगे में लिपटा देखा कर्नल बेटे का शव तो फफक पड़ा पिता, हर आंख हो गई नम
भिवानी के गांव नूनसर का लाडला ब्रिगेडियर बनकर आना चाहता था अपने गांव और आया तिरंगे में लिपटा शव। जब बेटे के शव को दुलारा तो पिता गजे सिंह यादव फफक फफक रो पड़े
By Manoj KumarEdited By: Updated: Sun, 20 Sep 2020 11:57 AM (IST)
बहल/भिवानी, जेएनएन। भिवानी के गांव नूनसर का लाडला ब्रिगेडियर बनकर आना चाहता था अपने गांव और आया तिरंगे में लिपटा शव। जब बेटे के शव को दुलारा तो पिता गजे सिंह यादव फफक फफक रो पड़े और दोनों पोतों को गले लगाकर हिम्मत यूं बंधाई की अब आगे का मुकाम तुम्हें पाना है। धु्रव यादव व कनिष्क यादव अब क्रमश: 19 व 16 वर्ष के हैं और सेना में भर्ती होकर पिता कर्नल विनय कुमार यादव के वे हर सपने को पूरा करने को दादा गजे सिंह यादव को विश्वास दिलाते हुए ढांढस बंधवाया।
दिवंगत कर्नल के पिता गजे सिंह यादव लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत अधिकारी है। शुक्रवार को जब परिजनों को कर्नल विनय की ह्रदय घात में मौत की खबर ने हिलाकर रख दिया और कर्नल के मित्र लोग गांव पहुंचना शुरू हो गए थे। पिता गजे सिंह को जीवन भर मलाल रहेगा कि वह 10 माह से घर नहीं आए थे और यह कहकर गए थे कि वह बिग्रेडियर बनकर आएगा।कर्नल ब्रिगेडियर का हैदराबाद-सिकंदराबाद में कोर्स कर रहे थे। वे अपने पिता व माता से हर दिन मोबाइल पर बात करते थे और गांव व परिवार की जानकारी लेते थे। वहीं कर्नल का पार्थिव शरीर लेकर आए जनरल एसएस सुहाग व कर्नल सुमित बाना यह कहते पिता गजे सिंह को ढाढस बंधा रहे थे कि ऐसा निडर व नेक इरादा साथी व जवान उनके जीवन में कभी नहीं आया।
उसकी बहादूरी हमको जीवन पर्यंत तक खलती रहेगी। इस पर गजे सिंह ने कहा कि उसके दो दो कर्नल है जो सेना में जाने को तैयार है। मेरे विनय का हर सपना मेरे पोत्र धू्रव व कनिष्क पूरा करने का मादा रखते हैं। उनकी रगों में जो खून दौड़ रहा है वो एक देश भक्त रण बांकुर का है। उसको गर्व है और पोत्रों को सेना में भेजकर यह गर्व हासिल करेगा।
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