Haryana News: हरियाणा और पंजाब सरकार पर लगा आरोप, गोशालाओं की बुरी दशा पर पांच साल से स्टेटस रिपोर्ट नहीं
Haryana Latest News पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने गोवंश के मरने व गोशालाओं की बुरी दशा पर संज्ञान लिया। इस विषय से जुड़े कई मामलों पर सुनवाई करते हुए हरियाणा व पंजाब सरकार से 22 मई 2018 को स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी। खंडपीठ ने दोनों सरकारों को 13 मार्च 2024 तक 22 मई 2018 के आदेशानुसार स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने गोवंश के मरने व गोशालाओं की बुरी दशा पर लिए गए संज्ञान व इस विषय से जुड़े कई मामलों पर सुनवाई करते हुए हरियाणा व पंजाब सरकार से 22 मई 2018 को स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी।
लेकिन मामले पांच साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी दोनों राज्यों द्वारा कोई रिपोर्ट न देकर हाई कोर्ट से समय देने की मांग की गई। हाई कोर्ट की कार्यवाहक चीफ रितू बाहरी पर आधारित खंडपीठ ने दोनों सरकारों को 13 मार्च 2024 तक 22 मई 2018 के आदेशानुसार स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया है।
बैल व दूध न देने वाली गाय पानी और चारे को तरस रही
इस मामले में दायर याचिकाओं में कोर्ट को बताया गया कि राज्य के बाहर तस्करी कर गायें भेजी जा रही हैं जिन्हें दुधारू गाय के नाम पर भेजा जाता है लेकिन आगे बूचडख़ानों में काटे जाने के लिए बेच दिया जाता है। साथ ही राज्य में दूध देने वाली गाय को तो चारा, पानी और शेड मिलता है जबकि बैल व दूध न देने वाली गाय पानी और चारे तक को तरस रही हैं।
गाय और गौशाला को लेकर सरकार का डबल स्टैंडर्ड-याचिकाकर्ता
उनकी हालत बद से बदतर हो रही है। याचिकाकर्ता ने कहा कि गाय और गौशाला को लेकर सरकार डबल स्टैंडर्ड अपना रही है। कुछ समाचार पत्रों की खबर का हवाला देते हुए बताया गया कि आर्मी की गोशालाएं बंद कर उन्हें पैकेट का दूध दिया जा रहा है। जबकि दूसरी ओर सरकार पैकेट के दूध को नुकसान देने वाला बताती है।
इन गोशालाओं से आने वाली गाय प्रदेश की गोशालाओं को देने की तैयारी चल रही है। इसके चलते इन गोशालाओं में केवल दुधारू पशुओं के लिए ही स्थान बचेगा और दूध न देने वालों को ऐसे ही भूखा मरने को छोड़ दिया जाएगा। ऐसे में गोशालाओं का मूल मकसद ही समाप्त हो जाएगा और वे डेयरी में बदल जाएंगी।
पुलिस-कुछ अधिकारी तस्करों को देते हैं सहयोग बदले में लेते हैं मोटी रकम
याचिका में कोर्ट को बताया गया कि पुलिस और कुछ अधिकारी तस्करों को सहयोग देते हैं और बदले में मोटा पैसा वसूल करते हैं। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनो राज्य सरकार को इस मामले में जवाब दायर कर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था ।
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