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डॉक्‍टर को भारी पड़ी लापरवाही, शिविर में आंखें गंवाने वालों को मिलेगा 85 लाख का मुआवजा

उपभोक्ता फोरम ने वर्ष 2015 में मुफ्त नेत्र जांच शिविर में गलत आपरेशन के कारण आंखें गंवाने वाले मरीजों को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 10 Apr 2018 08:55 PM (IST)
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डॉक्‍टर को भारी पड़ी लापरवाही, शिविर में आंखें गंवाने वालों को मिलेगा 85 लाख का मुआवजा

जेएनएन, पानीपत। जिला उपभोक्ता फोरम ने वर्ष 2015 में नि:शुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर में आंख गंवाने वाले 11 पीडि़तों को 85 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। यह राशि पानीपत के नवजीवन अस्पताल के नेत्र सर्जन डॉ. अंकुर को देनी होगी।

इस राशि में से 10 लाख रुपये अस्पताल की बीमा करने वाली कंपनी ने चेक से जमा करा दिए हैं। बाकी रकम सर्जन को देनी होगी। पीडि़तों में शामिल एक महिला शांति की मौत हो चुकी है। उसके परिजनों को लगभग साढ़े तीन लाख रुपये मिलेंगे। उधर, डॉ. अंकुर गुप्ता ने जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय के खिलाफ राज्य फोरम चंड़ीगढ़ में अपील की है।

समाज सेवा समिति समालखा ने फरवरी 2015 में मुफ्त नेत्र उपचार और ऑपरेशन कैंप लगाया था। मार्च के प्रथम सप्ताह में समिति के पैनल में शामिल चिकित्सक डॉ. अंकुर गुप्ता ने चेकअप के बाद 14-15 मरीजों को मोतियाङ्क्षबद ऑपरेशन के लिए चिह्नित किया। समिति के धर्मार्थ अस्पताल का नवीनीकरण चल रहा था तो सर्जन ने सभी मरीजों के पानीपत के सलारगंज गेट स्थित नवजीवन अस्पताल में 11 मार्च 2015 को ऑपरेशन किए। अगले दिन कुछ मरीजों की आंखों में जलन और इन्फेक्शन की शिकायत हुई तो उन्हें दोबारा अस्पताल बुलाया गया।

दो मरीजों के आंखों में इन्फेक्शन देख डॉ. अंकुर ने सभी मरीजों को बुलवाया और पीजीआइ चंड़ीगढ़ रेफर कर दिया। पीजीआइ के चिकित्सकों को संक्रमण के कारण तीन मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी थी, जबकि बाकी मरीजों की रोशनी चली गई। पीडि़तों में रामकुमार, श्यामगीर, पोरी देवी, शांति (फिलहाल मृतक), चांद राम, शांति, महावीर, सुरजा, ओमप्रकाश, जगदीश और रणजीत शामिल हैं। मरीजों की शिकायत के बाद तत्कालीन एसडीएम की अध्यक्षता में गठित सरकारी डॉक्टरों के पैनल ने भी रिपोर्ट में डॉ. अंकुर की चूक बताई थी।

मरीजों के परिजनों ने 15 अक्टूबर 2015 को उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया। मार्च में फोरम ने आरोपित सर्जन अंकुर गुप्ता को दोषी मानकर पीडि़तों को क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए हैं। पीडि़तों की पैरवी कर रहे एडवोकेट नकुल ङ्क्षसह छौक्कर ने बताया कि एक पात्र की आयु 55 साल से कम है, उसे 9.36 लाख रुपये और 55-70 वर्ष आयु के प्रत्येक पीडि़त को 7.92 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा।

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