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एक महाराज के वर्षाें तप किए जाने पर गांव का नाम पड़ा भैणी महाराजपुर

कस्बे से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव भैणी महाराजपुर आपसी भाईचारे की मिसाल पेश कर रहा है। गांव के इतिहास को दर्शाता गौरव पट्ट इस बात का प्रतीक है कि यह गांव लगभग 300 वर्ष पूर्व बसा था। ग्रामीणों के मुताबिक एक महाराज के वर्षाें तप किए जाने पर इस गांव का नाम भैणी महाराजपुर पड़ा। इस गांव में सबसे पहले रापडिया गौत्र व उसके साथ धत्तरवाल गौत्र के पूर्वज यहां आए थे।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 09 Feb 2022 02:09 AM (IST)
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एक महाराज के वर्षाें तप किए जाने पर गांव का नाम पड़ा भैणी महाराजपुर

संवाद सहयोगी, महम : कस्बे से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव भैणी महाराजपुर आपसी भाईचारे की मिसाल पेश कर रहा है। गांव के इतिहास को दर्शाता गौरव पट्ट इस बात का प्रतीक है कि यह गांव लगभग 300 वर्ष पूर्व बसा था। ग्रामीणों के मुताबिक एक महाराज के वर्षाें तप किए जाने पर इस गांव का नाम भैणी महाराजपुर पड़ा। इस गांव में सबसे पहले रापडिया गौत्र व उसके साथ धत्तरवाल गौत्र के पूर्वज यहां आए थे। गांव में करीब छह हजार की आबादी व लगभग दो हजार 600 वोट हैं। गांव में सभी लोग आपसी भाईचारे से रहते हैं। गांव में लगभग सभी जातियों के लोग रहते हैं। यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी है। इसके अलावा गांव की जमीन में महम शुगर मिल के नाम से चीनी मिल बना हुआ है। जिससे गांव व आस पास के लोगों को रोजगार मिले हुए हैं। ग्रामीण बादाम सिंह ने बताया कि गांव में पहले रापडिया गौत्र के पूर्वज आए थे। साथ-साथ धत्तरवाल गौत्र के पूर्वज भी गांव में आए। धीरे-धीरे अन्य जातियों के लोग भी इस गांव में आने लगे। सर्वप्रथम गांव के लोग कृषि पर आधारित थे। जैसे-जैसे शिक्षा का विस्तार होता गया गांव के लोगों के रोजगार के रास्ते खुलते गए। गांव के छह लोग आजाद हिद फौज के सिपाही रहे हैं। इनके अलावा युवाओं में देश भक्ति का जलवा कूट-कूट कर भरा हुआ है।

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ये रहे हैं स्वतंत्रता सेनानी :

गांव भैणी महाराजपुर में रामस्वरूप, रूपचंद रापडिया, मदन सिंह धत्तरवाल, लहरी सिंह रापडिया व रत्तन सिंह आजाद हिद फौज के सिपाही रहे हैं। इन्होंने देश को आजाद कराने में अपनी भूमिका निभाई है। ग्रामीण सभी स्वतंत्रता सेनानियों का समय समय पर सम्मान करते हैं। वहीं गांव के मेहर सिंह 1971 में शहीद हो चुके हैं। बताया गया है कि गांव की बेटी मरिया पुत्री मातू राम का नाम महान विभूतियों एवं दानी वीरों में सम्मान से लिया जाता है।

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जिला स्तर पर प्रथम रहा स्कूल :

गांव भैणी महाराजपुर में स्थित राजकीय उच्च विद्यालय हरियाणा सरकार द्वारा जारी मुख्यमंत्री सुंदरीकरण प्रतियोगिता में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है। स्कूल में मुख्याध्यापक रहे अजय मलिक ने बताया कि 2015-16 में यह स्कूल प्रथम स्थान पर आया था। उस समय रोहतक जिले में प्रथम स्थान मिलने पर विद्यालय को ईनाम स्वरूप एक लाख रुपये की राशि बतौर ईनाम दिया गया था।

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गांव में ये हैं सुविधाएं :

गांव में लगभग सभी गलियां पक्की हैं। लगभग सभी समुदायों की चौपालें बनी हुई हैं। पंचायत भवन, शिक्षा के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पशुओं को पानी पिलाने के लिए दो तालाब, शिव मंदिर, बाबा उदल देव व बाबा बिहारी दास मंदिर बने हुए हैं। जहां गांव के सभी समुदायों के लोग पूजा करते हैं। गांव के विद्यार्थी खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। गांव में नवाब सिंह राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे हैं।