'जम्मू कश्मीर में 370 नहीं थी विकास में बाधा...', PM मोदी की 'नया कश्मीर' टिप्पणी पर बोले फारूक अब्दुल्ला
Jammu News नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पीएम मोदी पर एक बार फिर हमला किया है। अब्दुल्ला ने कहा कि 370 धारा कभी भी जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए कभी भी रुकावट नहीं थी। उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कम से कम एक बार गुलाम नबी आजाद का भाषण जरूर सुनें जो उन्होंने राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता के तौर पर दिया।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि अनुच्छेद 370 कहीं भी जम्मू कश्मीर के विकास में बाधा नहीं थी। उन्होंने कहा कि अगर यहां वंशवाद और चहेतावाद होता तो क्या मैं मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हारता।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीरवार को श्रीनगर में अपने भाषण में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में विकास होने और जम्मू कश्मीर में परिवारवाद की राजनीति से मुक्ति मिलने की बात की थी। डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी को सच्चाई का पता नहीं है, वह सिर्फ आलोचना और निंदा करना ही जानते हैं।
370 पर बोले फारूक अब्दुल्ला
डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहली बात तो यह धारा 370 किसी भी तरह से जम्मू कश्मीर के विकास में बाधा नहीं थी। आप पांच अगस्त 2019 से पहले के जम्मू कश्मीर की देश के विभिन्न राज्यों से विकास के मानकों पर तुलना करें, आपको पता चलेगा कि जम्मू कश्मीर कई राज्यों से बेहतर रहा है।यह भी पढ़ें: PM in Srinagar: 'अपमान का जश्न मना रहे लोग, सरकारी कर्मियों को जबरन रैली में ले जाया गया', महबूबा का BJP पर आरोप
फारूक ने कहा कि अक्सर प्रधानमंत्री अपने भाषणों में खानदानी राज की बात करते हैं। संसद में भी कई बार भाषणो में यही कुछ सुनने को मिला है। लोगों में यह साबित करने का प्रयास किया जाता है कि अनुच्छेद 370 ही कश्मीर में सभी मुसीबतो की जड़ रही है और अब सबकुछ ठीक हो गया है।
मोदी गुलाम नबी आजाद का सुने भाषाण: अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने कहा कि मैं चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कम से कम एक बार गुलाम नबी आजाद का वह भाषण जरूर सुनें,जो उन्होंने राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता के तौर पर दिया और उसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 के समर्थन में दिया था और उसमें उन्होंने विकास के मुद्दे पर गुजरात और जम्मू कश्मीर की तुलना की थी।
जम्मू कश्मीर तो कई मामलों में गुजरात माडल से बेहतर रहा है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद जम्मू कश्मीर में हालात बेहतर नहीं खराब हुए हैं। पहले यहां प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय तक शिक्षा निश्शुल्क थी, अब नहीं है।
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