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Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा की समय अवधि सीमित करने की उठी मांग, श्रद्धालुओं की संख्‍या दिख रही कमी

Amarnath Yatra 2023 अमरनाथ यात्रा की समय अवधि सीमित करने की मांग उठी है। पहले एक महीने तक तो श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रही है। उसके बाद संख्या कम होने लगी है। इसलिए जम्मू के यात्री निवास भगवती नगर से एक दिन छोड़कर जत्थे को रवाना किया जा रहा है। लंगर संगठन पहले ही यात्रा की अवधि एक महीना या 40 दिन करने की मांग करते आए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 20 Aug 2023 10:39 AM (IST)
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अमरनाथ यात्रा की समय अवधि सीमित करने की उठी मांग, श्रद्धालुओं की संख्‍या में भारी कमी (फाइल फोटो)

जम्मू, राज्य ब्यूरो: अमरनाथ यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी को देखते हुए अब यात्रा की अवधि सीमित करने की मांग उठ रही है। टेंट, पौनी, पिट्ठू समेत अन्य सेवाएं देने वालों ने प्रदेश प्रशासन और अमरनाथ श्राइन बोर्ड से यह अपील की है। एक जुलाई से शुरू हुई बार यात्रा की अवधि 62 दिन की है।

एक महीने तक श्रद्धालुओं की संख्‍या रही काफी अधिक

पहले एक महीने तक तो श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रही है। उसके बाद संख्या कम होने लगी है। इसलिए जम्मू के यात्री निवास भगवती नगर से एक दिन छोड़कर जत्थे को रवाना किया जा रहा है। लंगर संगठन पहले ही यात्रा की अवधि एक महीना या 40 दिन करने की मांग करते आए हैं। बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी पहले ही अंतर्ध्यान हो गए हैं। अब तक 4.39 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन कर लिए हैं।

मात्र 40 लंगर ही बचे

श्रद्धालुओं की संख्या में कमी को देखते हुए अधिकतर टेंट, पोनी, पिट्ठू व स्थानीय रेहड़ी फड़ी वालों ने भी अपना समान समेट लिया है। कई वापस चले गए हैं। यात्रा के दोनों मार्गों पर 123 लंगर लगाए गए थे जिसमें से मात्र 40 लंगर ही बचे है। बाबा बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन के प्रधान राजन गुप्ता का कहना है कि श्रद्धालुओं की संख्या में कमी को देखते हुए लंगर वापस गए हैं। इसके लिए बोर्ड व प्रशासन से एनओसी ली गई है।

श्रद्धालुओं की संख्या कम

अब उसी हिसाब से लंगर बचे है जिनकी जरूरत हैं। यात्रा की अवधि सीमित करने की मांग पहले से होती आई है क्योंकि यात्रा के अंत में श्रद्धालुओं की संख्या कम हो जाती है। शनिवार को यात्रा के लिए जम्मू के यात्री निवास भगवती नगर से जत्था रवाना नहीं हुआ अलबत्ता कुछ श्रद्धालु सीधे ही पहलगाम व बालटाल पहुंच कर यात्रा के लिए रवाना हुए हैं।