भारतीय सेना को जल्द मिलेगा Anti GPS Jamming डिवाइस, युद्ध के मैदान में दोस्त या दुश्मनों की करेगा पहचान
Anti GPS Jamming Device भारतीय सेना को जल्द ही एंटी-जीपीएस जैमिंग डिवाइस मिलेगा। यह युद्ध के मैदान में दोस्त या दुश्मनों की पहचान करेगा। इस तकनीक को गत दिनों जम्मू में हुए नॉर्थ टेक सिंपोजियम में प्रदर्शित किया गया था। इन दोनों को आइआइटी जम्मू तैयार कर रहा है। इसके तहत हम छह से सात परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। इनमें से दो परियोजनाएं पूरी हो रही हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: भारतीय सेना को जल्द ही एंटी-जीपीएस जैमिंग डिवाइस मिलने वाला है। यह हमारे ड्रोन, वाहनों और अन्य जीपीएस सक्षम उपकरणों को दुश्मन से बचाएगी। इसके अलावा एक और ऐसा उपकरण तैयार होने वाला है जो युद्ध या किसी अभियान के दौरान दोस्त या दुश्मनों की पहचान करेगा। युद्ध क्षेत्र के जटिल माहौल में सैनिकों के लिए यह जानना बहुत जरूरी होता है कि उनके बाकी साथी, वाहन, टैंक, ड्रोन या हेलीकाप्टर कहां पर हैं और दुश्मन किस ओर हैं? इस आइडेंटिफिकेशन फ्रेंड या फो (आइएफएफ) नाम दिया गया है।
इस तकनीक को गत दिनों जम्मू में हुए नॉर्थ टेक सिंपोजियम में प्रदर्शित किया गया था। इन दोनों को आइआइटी जम्मू तैयार कर रहा है। एंटी-जीपीएस जैमिंग और आइएफएफ उपकरणों समेत सात प्रमुख परियोजनाएं आइआइटी जम्मू और रक्षा क्षेत्र की कंपनी सीएसटी एडवांस्ड सिस्टम्स द्वारा संयुक्त सहयोग से किए जा रहे डिजाइन और विकास का हिस्सा हैं।
सीएसटी एडवांस्ड सिस्टम्स के महाप्रबंधक कर्नल (सेवानिवृत्त) अनिल जे एलेक्स ने कहा कि आइआइटी जम्मू के साथ हमारा सहयोग है। इसके तहत हम छह से सात परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। इनमें से दो परियोजनाएं पूरी हो रही हैं।
एंटी-जीपीएस जैमिंग डिवाइस
इनमें से एक एंटी-जीपीएस जैमिंग डिवाइस है। यह एक छोटे आकार, हल्के वजन वाला शक्तिशाली उपकरण है जो किसी भी नेविगेशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए रेट्रोफिटेड होने के लिए उपयुक्त है। यह आतंकरोधी अभियानों के दौरान सेना और सुरक्षाबलों के जीपीएस आधारित उपकरणों को जाम होने से बचाएगा।
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कर्नल (सेवानिवृत्त) एलेक्स ने कहा कि पूरा होने वाला दूसरा प्रोजेक्ट आइएफएफ ऐसी डिवाइस है जो सेना को उग्रवाद या आतंकरोधी अभियानों या फिर युद्ध के मैदान में अपनी सेना का पता लगाने में मदद करेगा। यह आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी) नेटवर्क पर काम करता है। यह किसी भी स्थिति में काम करता है चाहे दिन हो या रात। यहां तक कि खराब मौसम या कम ²श्यता में भी अपने सैनिकों की स्थिति का पता लगा सकते हैं।
दुश्मन के मंसूबों को पस्त करेगी एंटी-जीपीएस जैमिंग डिवाइस
एलेक्स ने कहा कि नियंत्रण रेखा व भीतरी इलाकों में आतंकरोधी अभियानों के दौरान सभी जीपीएस आधारित उपकरणों को जाम होने से बचाना चुनौती होता है। दुश्मन की पहली कोशिश होती है कि वह जीपीएस आधारित उपकरणों को निष्कि्रय करे। एंटी-जीपीएस जैमिंग डिवाइस इस खतरे को दूर करेगी। इसे किसी भी नेविगेशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए फिट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सीएसटी एडवांस्ड सिस्टम्स कंपनी संचार व निगरानी उपकरणों को डिजाइन व विकसित करती है। यह कंपनी वर्ष 2018 से ऐसे उपकरणों की आपूर्ति कर रही है।
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आतंकरोधी अभियानों में खतरों से बचाएगा निगरानी उपकरण
आइएफएफ को एकीकृत और जटिल युद्धक्षेत्र के लिए डिजाइन किया गया है। यह जीपीएस, सेंसर और आरएफ संचार के माध्यम से अपने सैनिकों की पहचान करती है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सीमा, नियंत्रण रेखा, आतंकरोधी अभियानों और छापे, गश्त, घात और आतंकरोधी अभियानों के दौरान किसी भी जोखिम से बचना है। इस डिवाइस को जवानों, वाहनों, टैंकों, ड्रोन और हेलीकाप्टरों पर लगाया या जोड़ा जा सकता है। इससे जवानों को अंधेरे में भी अंदाजा मिलेगा कि किसको निशाना बनाना है और किसको नहीं।