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Jhiri Mela 2022: उत्तर भारत के सबसे बड़े किसान मेले का आज होगा उद्घाटन, दिखने लगी झिड़ी मेले की रौनक

Jhiri Mela 2022 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कल से ही शुरू होगा। यह आयोजन मेले के समापन तक जारी रहेंगे।बाबा जित्तो बुआ गौरी देव स्थान प्रबंधन कमेटी ने अपनी तरफ से मंदिर में सभी जरूरी तैयारियां कर रखी हैं।

By ashok sharmaEdited By: Rahul SharmaUpdated: Mon, 07 Nov 2022 08:48 AM (IST)
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सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कल से ही शुरू होगा।

जम्मू, जागरण संवाददाता : उत्तर भारत के सबसे बडे़ किसान मेलों में से एक झिड़ी मेले का उद्घाटन सोमवार को होगा।हालांकि झिड़ी मेला कार्तिक पूर्णिमा को होता है लेकिन इस वर्ष मंगलवार कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन चंद्र ग्रहण होने के कारण झिड़ी मेला और बड़ा स्नान सोमवार को ही होगा। बड़ी संख्या में विभिन्न बिरादरियों की मेले भी सोमवार को ही होंगी। हालांकि कुछ बिरादरियों ने रविवार को ही अपने कुल की खुशहाली के लिए अपने देवी देवताओं के स्थान पर खारके दिए और बाबा जित्तो और बुआ गौरी मंदिर दर्शन किए और नया अनाज चढ़ाया।

झिड़ी मेले की रौनक रात से ही दिखने लगी है। बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से श्रद्धालु देर रात से झिड़ी पहुंचने लगे थे। सुबह पहले पहर से ही श्रद्धालु बाबा जित्तो और बुआ गौरी के मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंचे।कई श्रद्धालुओं ने बाबा तालाब में स्नान कर अपने देव स्थानों पर माथा टेका और खिचड़ी का प्रसाद लगाया।

पिछले दो वर्षा से कोरोना के चलते श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाले झिड़ी मेले में शामिल नहीं हो पाए थे।इस वर्ष चंद्र ग्रहण के चलते पहले ही श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंच गए हैं।झिड़ी मेला आयोजन समिति के सचिव राम दित्ता ने बताया कि रविवार को विभिन्न बिरादरियों के करीब 40 हजार श्रद्धालुओं ने रविवार को बुआ जित्तो और बुआ गौरी मंदिर में दर्शन किए हैं।

सभी तैयारियां पूरी सभी श्रद्धालुओं का स्वागत : झिड़ी मेला आयोजन समिति के सचिव राम दित्ता ने कहा कि मेले की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।बेशक मेले का का विधिवत उद्घाटन सोमवार को होगा लेकिन रविवार काे भी मेले की रौनक देखते ही बनती है।सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। रविवार देर शाम से ही बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं।कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन मंगलवार को चंद्र ग्रहण है और इसका सूतक सुबह से ही शुरू हो जाएगा। जिसके चलते मंदिर के कपाट बंद रहेंगे।लेकिन मेला जारी रहेगा। मेले में इस वर्ष कई तरह के आकर्षक मनोरंजन के साधन रखे गए हैं।सबसे बड़ा आकर्षण दंगल का रहता है। दंगल का आयोजन कल ही है। 

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन मेले के समापन तक जारी रहेंगे : सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कल से ही शुरू होगा। यह आयोजन मेले के समापन तक जारी रहेंगे।बाबा जित्तो, बुआ गौरी देव स्थान प्रबंधन कमेटी ने अपनी तरफ से मंदिर में सभी जरूरी तैयारियां कर रखी हैं।बाबा तालाब के आसपास के क्षेत्रों में भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।डीसी जम्मू अवनी लवासा मेले के आयोजन को लेकर कई बैठकें ले चुकी हैं। सभी विभागों को मेले के सफल आयोजन के लिए सतर्क रहने के लिए कहा गया है। मेले में आने वाले किसी श्रद्धालु को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो इसका पूरा ध्यान रखा गया है। मेले को देखते ही सैकड़ों दुकानें सज चुकी हैं।विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए कमेटियों का गठन किया गया है।

सजने लगे विभिन्न विभागों के स्टाल : झिड़ी मेले में लगने वाले विभिन्न विभागों के स्टाल रविवार को लग गए हैं।जो थोउ़ी बहुत कमियां हैं।मेले के उद्घाटन समय सोमवार सुबह 11.00 बजे से पहले सभी तैयारियां पूरी हो जाएंगी। मेले में कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, फलोरिकल्चर, सैरिकल्चर , ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण बैंक आदि कई विभागों के स्टाल मेले में लगाए जाते हैं।इन स्टालों के माध्यम से किसानों को आधुनिक यंत्रों नई कृषि तकनिकों, बैक की ऋण योजनाओं के प्रति जागरूक किया जाता है।

मेले को लेकर स्थानीय लोगों में खासा उत्साह : मेले के आयोजन को लेकर स्थानीय लोगों का उत्साह देखते ही बनता है। उनका कहना है कि पिछले दो वर्षो से मेले का आयोजन नहीं हो सका है। जिसके चलते इस वर्ष मेले को लेकर बेसब्री से इंतजार हो रहा है। स्थानीय निवासी राज कुमार ने कहा कि इस मेले से स्थानीय लोगों की आस्था के साथ-साथ लोगों का व्यवसाय भी जुड़ा होता है। मेले के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। बहुत से श्रद्धालु दो तीन दिन यहां रुकते हैं। इन दिनों व्यापार भी अच्छा रहता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम, दंगल, नाटक आदि का स्थानीय लोगों में विशेष उत्साह रहता है।

मंगल- बुधवार को होगा नाटक बाबा जित्तो का मंचन : पिछले कई वर्षो से नाटक ‘बाबा जित्तो’ का मंचन कर बाबा जित्तो के जीवन को दर्शाता नाटक इस वर्ष भी झिड़ी मेले में दो दिनों तक दर्शाया जाएगा। नटरंग की इस प्रस्तुति का पहला मंचन मेले के दूसरे दिन मंगलवार को शाम 6.30 बजे होगा। जबकि दूसरा मंचन बुधवार को शाम 6.30 बजे होगा।नटरंग के प्रवक्ता मोहम्मद यासीन ने बताया कि पद्मश्री बलवंत ठाकुर के निर्देशन में मंचित नाटक बाबा जित्तो के देश भर में सैंकडों शो हो चुके हैं।कोरोना के चलते पिछले दो वर्षो से झिड़ी में बाबा जित्तो का मंचन नहीं हो सका। इससे पूर्व पिछले करीब दो दशकों से झिड़ी में लगातार बाबा जित्तो का मंचन होता रहा है। यह मंचन दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है।दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा जित्तो का मंचन देखने के लिए आते हैं।इस वर्ष लंबे अर्से बाद नाटक बाबा जित्तो का मंचन होने जा रहा है।इसको लेकर कलाकारों में भी खासा उत्साह है।पिछले करीब एक महीने से कलाकारों की लगातार रिहर्सल जारी है। नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों ने कहा कि वह कई बार इस नाटक का मंचन कर चुके हैं लेकिन झिड़ी में मंचन करने का हर बार नया अनुभव रहता है। यहां सबसे ज्यादा दर्शक रहते हैं और खुले में मंचन होने के कारण कलाकारों को खासी मेहनत करनी पड़ती है।वरिष्ठ कलाकार अनिल टिक्कू ने कहा कि झिड़ी में मंचन करना किसी भी कलाकार का सपना होता है। इससे ज्यादा दर्शक उन्होंने कहीं नहीं देखे। मंचन के दौरान दर्शकों की तालियां और बुआ गौरी के बाबा जित्तों की चीता में छलांग लगाते ही जैसे दर्शका भावुक हो जाते हैं। वह अपने आप में यादगार पल होते हैं।लगभग हर संवाद पर पंडाल बाबा जित्तो और बुआ गौरी के जयघोष से गूंजता है तो कलाकारों का उत्साह भी हर दृश्य में बढ़ता ही जाता है। इस वर्ष का मंचन पहले से बेहतर हो इसके लिए कलाकार जोरदार मेहनत कर रहे हैं।