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Jammu Kashmir: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए साधन संपन्न बनेंगी जम्मू-कश्मीर की लाइब्रेरियां

लाइब्रेरियों में नियमित तौर पर विद्यार्थियों और विशेषज्ञों के बीच बातचीत के कार्यक्रम होने चाहिए ताकि विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा की परीक्षाएं पास करने में मदद मिलेगी। नेशनल मिशन आन लाइब्रेरी के तहत जम्मू कश्मीर को प्रस्ताव भेजने चाहिए।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 25 Aug 2021 01:22 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर की सभी लाइब्रेरियों में सिविल सर्विस परीक्षा के लिए रेफरेंस पुस्तकों के 350 टाइटल उपलब्ध करवाए गए हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: नेशनल लाइब्रेरी आफ इंडिया और राजाराम मोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन कोलकाता के महानिदेशक प्रो. अजय प्रताप सिंह दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में लाइब्रेरियों की सुविधाओं का विस्तार करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी हासिल की। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश स्तर की लाइब्रेरी सलाहकार एवं परचेज कमेटी की दूसरी बैठक में भाग लिया।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने कमेटी का गठन लाइब्रेरी सेवा के विकास व विस्तार करने के लिए किया है। लाइब्रेरी विभाग की तरफ से खरीदी जाने वाली पुस्तकों का चयन किया गया। लाइब्रेरी के निदेशक ने कहा कि पहली बार जम्मू-कश्मीर की सभी लाइब्रेरियों में सिविल सर्विस परीक्षा के लिए रेफरेंस पुस्तकों के 350 टाइटल उपलब्ध करवाए गए हैं।

नेशनल लाइब्रेरी आफ इंडिया के महानिदेशक प्रो. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि सिविल सर्विस के अलावा अन्य प्रतिस्पर्धा की परीक्षाओं के लिए रेफरेंस पुस्तकों और स्टडी मैटेरियल उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। लाइब्रेरियों में नियमित तौर पर विद्यार्थियों और विशेषज्ञों के बीच बातचीत के कार्यक्रम होने चाहिए ताकि विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा की परीक्षाएं पास करने में मदद मिलेगी। नेशनल मिशन आन लाइब्रेरी के तहत जम्मू कश्मीर को प्रस्ताव भेजने चाहिए।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर ने अभी तक योजना धनराशि हासिल नहीं की है। उन्होंने ओरियंटल रिसर्च लाइब्रेरी, एसपीएस लाइब्रेरी श्रीनगर का दौरा कर स्टाफ, रिसर्च स्कालरों, विद्यार्थियों से बातचीत की। लाइब्रेरियों में सुविधा लिए फीडबैक पर जोर दिया गया। महानिदेशक ने जम्मू कश्मीर में लाइब्रेरियों के विस्तार, डिजिटल रूप देने, ई लर्निंग एवं काउंसलिंग सेंटर, स्मार्ट सिटी मिशन, मिशन यूथ, एसपीएस लाइब्रेरी में आईटी केंद्र बनाने, जिला लाइब्रेरियों का आधुनिकीकरण, पंचायत स्तर पर लाइब्रेरियां स्थापित करने पर विचार विमर्श किया गया।

जम्मू-कश्मीर में 130 लाइब्रेरियां है। इनमें तीन सेंट्रल लाइब्रेरियां, एक ओरियंटल रिसर्च लाइब्रेरी, 12 जिला लाइब्रेरियां, 50 तहसील लाइब्रेरियां, 7 ब्लाक लाइब्रेरियां, 36 बार्डर ब्लाक लाइब्रेरियां, 7 श्राईन लाइब्रेरियां, 14 रीडिंग रूम शामिल हैं। इन लाइब्रेरियों में 13 लाख पुस्तकें, पांच हजार दुर्लभ पुस्तकें, छह हजार पांडुलीपियां शामिल हैं।