Jammu Kashmir Election 2024: पीडीपी का बड़ा एलान, कहा- सत्ता में आए तो हटा देंगे जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 (Jammu Kashmir Election 2024) के बीच पीडीपी की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद उर रहमान पार्रा ने कहा है कि अगर प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के नेतृत्व ने पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से संपर्क किया होता तो पीडीपी उसके उम्मीदवारों को जगह देती। पार्रा ने यह भी कहा कि अगर पीडीपी जम्मू-कश्मीर में सत्ता संभालती है तो जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटा दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। पीडीपी की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद उर रहमान पार्रा ने रविवार को कहा कि अगर प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के नेतृत्व ने पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से संपर्क किया होता तो पीडीपी उसके उम्मीदवारों को जगह दी होती। पार्रा ने यह भी कहा कि अगर पीडीपी जम्मू-कश्मीर में सत्ता संभालती है तो जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटा दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने हमेशा जम्मू-कश्मीर के लोगों का व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उनकी वैचारिक संबद्धता की परवाह किए बिना, विविध समूहों के साथ समावेशी राजनीति और जुड़ाव को प्राथमिकता दी है। गौरतलब है कि केंद्र ने शुरू में आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत फरवरी 2019 में जमात-ए-इस्लामी पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। केंद्र ने संगठन की लगातार भारत विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए इस साल की शुरुआत में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया था।
पारा ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने हमेशा बातचीत, सुलह और समावेशन में विश्वास किया है। अगर जमात-ए-इस्लामी पीडीपी तक पहुंच गई होती तो हम लोकतांत्रिक ढांचे के भीतर सभी आवाजों को एक साथ लाने के लिए सीट आवंटन पर विचार करते। भले ही इसके लिए कई सीटों का त्याग करना पड़े। हम उन्हें समायोजित कर लेते। पार्रा पुलवामा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनका यह बयान पीडीपी अध्यक्ष महबूबा द्वारा सरकार से जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटाने का आग्रह करने के कुछ दिनों बाद आया ताकि वह चुनाव लड़ सके।
पार्रा ने कहा कि पीडीपी की प्रतिबद्धता जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति है और हम मानते हैं कि प्रत्येक समूह, पार्टी और विशेष रूप से समाज के महत्वपूर्ण वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग मेज पर जगह के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि पीडीपी का दृष्टिकोण हमेशा विभाजन को पाटने और यह सुनिश्चित करने का रहा है कि सभी समुदायों को उनकी पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में हिस्सेदारी मिले।
अगर जमात-ए-इस्लामी चुनाव लड़ना चाहता है तो यह एक सकारात्मक विकास है। लोकतंत्र विचारों की लड़ाई है। सरकार को इस पर प्रतिबंध हटा देना चाहिए। हम इसे समायोजित करेंगे और चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त स्थान, सीटें और अवसर प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति, सौहार्द, समृद्धि और स्थिरता के लिए ऐसा समावेशी दृष्टिकोण आवश्यक है।
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