जम्मू में बेसहारा बच्चों के लिए पहला 'पालना गृह' स्वागत केंद्र स्थापित, लोगों ने बताया सकारात्मक पहल
जम्मू के गांधी नगर इलाके में सरकारी जिला अस्पताल में परित्यक्त यानी बेसहारा बच्चों के लिए पालना गृह नाम से पहला पालना शिशु स्वागत केंद्र (सीबीआरसी) स्थापित किया गया है। इस केंद्र को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से स्थापित वहां किया गया है। इस पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. परवीन योगराज ने बताया कि गांधीनगर का ये सरकारी अस्पताल इस सुविधा वाला क्षेत्र का पहला स्वास्थ्य संस्थान है।
पीटीआई, जम्मू। जम्मू में परित्यक्त यानी बेसहारा बच्चों के लिए "पालना गृह" नाम से पहला पालना शिशु स्वागत केंद्र (सीबीआरसी) स्थापित किया गया है। इस केंद्र को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से स्थापित किया गया है।
यह केंद्र जम्मू व कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू शहर के गांधी नगर के सरकारी जिला अस्पताल में शुरू किया गया है। जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. परवीन योगराज ने बताया कि गांधीनगर का ये सरकारी अस्पताल यह सुविधा वाला क्षेत्र का पहला स्वास्थ्य संस्थान बन गया है।
माता-पिता द्वारा बच्चों के सुरक्षित परित्याग की सुविधा प्रदान ये केंद्र
उन्होंने कहा, मिशन वात्सल्य के तहत स्थापित सीबीआरसी उन परिवारों या जैविक माता-पिता द्वारा बच्चों के सुरक्षित परित्याग की सुविधा प्रदान करता है, जो अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए बच्चे को छोड़ने के लिए बाल कल्याण समिति के सामने पेश नहीं होना चाहते हैं।
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इस केंद्र से शिशुहत्या में आएगी कमी
डॉ. योगराज ने आगे कहा कि इस केंद्र की स्थापना का मुख्य लक्ष्य शिशुहत्या दर को कम करना और झाड़ियों या कूड़े के ढेर में छोड़े गए बच्चों के जीवन को बचाना है। कुछ छोड़े गए बच्चे दुखद रूप से विभिन्न स्थानों पर आवारा कुत्तों का शिकार बनते देखे गए हैं। ये केंद्र आपातकालीन विंग के पास स्थित है, जहां चिकित्सा पेशेवर पालने में रखे गए बच्चों की देखभाल करते हैं।
बच्चों को दाखिल करने के बाद पुलिस को किया जाता है सूचित
डॉ. योगराज ने कहा हमने गोपनीयता बनाए रखने के लिए बिना सीसीटीवी कवरेज के आपातकालीन और प्रयोगशाला क्षेत्रों के करीब पालना गृह स्थापित किया है। पालने गृह में बच्चे को दाखिल होने के तुरंत बाद डॉक्टर फौरन उनकी देखभाल प्रदान करते हैं और पुलिस को सूचित करते हैं।
इस पहल का लोगों ने भी स्वागत किया है। स्थानीय निवासी सरदार कुलदीप सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह अस्पताल द्वारा उठाया गया एक सकारात्मक कदम है। पहले लोग बच्चियों को पार्कों में छोड़ देते थे। उन्होंने आगे कहा कि इस योजना से बेसहारा बच्चों की सहायता होगी और उनकी जान भी बच जाएगी। वहीं एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि इस पहल के जरिए कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में कमी आएगी।
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