झारखंड में बनेंगे गौ अभ्यारण, इन जमीनों को कराया जाएगा अतिक्रमण से मुक्त; गो सेवा अध्यक्ष ने किया एलान
झारखंड में गोवंश के आवास को लेकर बड़ी पहल जारी है। धनबाद में राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि राज्य में गौ अभ्यारण बनाए जाएंगे। इसके लिए तैयारी चल रही है। जितने भी गोचर भूमि पर अतिक्रमण हो रखा है इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। गौ अभ्यारण में वैसे गोवंश रहेंगे जिन्हें गौशाला में जगह नहीं मिल पा रही है।
By Jagran NewsEdited By: Shashank ShekharUpdated: Tue, 28 Nov 2023 06:01 PM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद। राज्य में गोवंश के लिए गौ अभ्यारण बनाए जाएंगे। इसके लिए तैयारी चल रही है। प्रदेश में जितने भी गोचर भूमि पर अतिक्रमण हुए हैं, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना है। गौ अभ्यारण में वैसे गोवंश रहेंगे, जिन्हे गौशाला में जगह नहीं मिल पा रही है।
ऐसे पशु अभ्यारण में सुरक्षित तरीके से रह सकते हैं। यह बातें राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कही। वह धनबाद में आयोजित गोपाष्टमी मेला के कार्यक्रम में पहुंचे हैं। मौके पर कांग्रेसी नेता वैभव सिन्हा भी मौजूद रहे।
'एक क्लिक में हरेक गौशाला की मिलेगी जानकारी'
उन्होंने कहा कि 'हमारी गौ माता हमारा दायित्व' स्लोगन के साथ अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत राज्य के सभी 23 निबंधित गौशाला को डाटा बेस पर जोड़ा जा रहा है। शहर में रहने वाले लोग भी गौ सेवा के प्रति आगे आएं, सरकार ऐसी पहल कर रही है।एक क्लिक से अपने आसपास के गौशाला के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सकती है। यहां आकर लोग अपने पसंद से गौ सेवा कर सकते हैं। सॉफ्टवेयर विकसित करने पर तेजी से कम हो रहा है।
'गोवंश चारे की राशि में अब मिलेंगे डेढ़ सौ रुपये रोजाना'
राज्य गौ सेवा आयोग ने राशि बढ़ाई है। राजीव रंजन ने कहा कि पहले एक गाय पर प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपये अनुदान दी जाती थी। अब यह राशि बढ़ाकर डेढ़ सौ रुपये कर दी गई है। राशि बढ़ाने को लेकर लंबे समय से गौशाला संचालक भी सरकार से मांग कर रहे थे।'नंदी के लिए रोजाना 200 खर्च, अलग से बनेंगे नंदीशाला'
गौशाला में नंदी को रखने को लेकर उन्होंने कहा कि अलग से नंदीशाला का निर्माण कराया जाएगा। यहां पर नंदी अलग से रखे जाएंगे। नंदी के लिए हर दिन 200 रुपये चारा के लिए अनुदान दिया जाएगा।
इस पर भी मुहर लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि गाय को लेकर हमेशा से राजनीतिक होती रही है। गौ सेवा के नाम पर 2008 में एक बार बैठक हुई थी। इसके बाद मेरे कार्यकाल में पिछले महीने बैठक हुई है। इसे पता चलता है कि गाय के नाम पर केवल राजनीतिक हुई है।
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