कोरोना काल में बीरेंद्र कुमार ने बचाई थी हजारों की जान, धनबाद के डॉक्टर की हार्ट अटैक से मौत
Dhanbad News कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर कई मरीजों की जान बचाने वाले डॉ. बीरेंद्र कुमार का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। रविवार रात करीब नौ बजे उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। वह महज 55 साल के थे। उनके असामयिक निधन से धनबाद व बोकारो के डॉक्टरों में शोक की लहर दौड़ गई है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। Dhanbad News: सदर अस्पताल धनबाद में लंबे समय तक रहे 55 वर्षीय डॉक्टर बीरेंद्र कुमार की हार्ट अटैक से मौत हो गई। रविवार को वह अपने स्वजन के साथ हजारीबाग गए थे, हजारीबाग से बोकारो के फुसरो लौट रहे थे। घर पहुंचते ही रात 9:00 बजे उन्हें हार्ट अटैक आया और कुछ ही मिनट में ही उनकी मौत हो गई।
धनबाद व बोकारो के डॉक्टरों में शोक की लहर
फुसरो स्वास्थ्य केंद्र में उनकी बेटी डॉ रश्मि पदस्थापित है। मौत की सूचना के बाद धनबाद और बोकारो के डॉक्टर में शोक की लहर दौड़ गई। डॉ बीरेंद्र का वर्ष 2022 में तबादला सदर अस्पताल धनबाद से स्वास्थ्य केंद्र चास में हो गया था। वह मूल रूप से हजारीबाग के रहने वाले थे।
हाथ टूटी फिर भी कोरोना में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
डॉ बीरेंद्र 10 वर्षों से ज्यादा समय तक धनबाद में चिकित्सकीय सेवा दी। वह गोविंदपुर, तोपचांची झरिया के अलावा सदर अस्पताल धनबाद में तैनात रहे।
कोरोना संक्रमण काल के दौरान दुर्घटना में उनकी हाथ टूट गई थी, इसके बावजूद उन्होंने छुट्टी नहीं ली, कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में वह लगातार लगे रहे।
चिकित्सा के प्रति समर्पण को देखते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें सम्मानित भी किया था। वह अपने परिवार के साथ मनईटांड़ में रह रहे थे। उनकी बेटी डॉ रश्मि और एक बेटा डॉक्टर राजा है। डाॅ. राजा फिलहाल पीजी की पढ़ाई कर रहा है।
काफी मिलनसार प्रवृत्ति के थे डॉ बीरेंद्र
डॉ बीरेंद्र काफी मिलनसार प्रवृत्ति के थे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ मेजर चंदन ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में उन्होंने काफी योगदान दिया। उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। सदर अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों में भी शोक की लहर है। अंत्येष्टि बोकारो में करने की तैयारी हो रही है।