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ग्रामीण इलाकों के लिए एक और बड़ा झटका, धनबाद में पांच चिकित्सा वाहन बेकार घोषित; अब तक चल रहे थे धड़ल्ले से

Dhanbad News धनबाद के ग्रामीण इलाकों में पहले ही स्वास्थ्य उप केंद्रों की व्यवस्था काफी खराब है। अब एक और हैरान कर देने वाली बात सामने आई है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चल रहे जिले में पांच चलंत चिकित्सा वाहन (बस) को बेकार (कंडम) घोषित कर दिया गया है। ग्रामीण इलाकों में चलने वाली यह सेवा अब पूरी तरह से बंद हो गई है।

By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 16 Dec 2023 10:24 AM (IST)
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ग्रामीण इलाकों के लिए एक और बड़ा झटका, धनबाद में पांच चिकित्सा वाहन बेकार घोषित
जागरण संवाददाता, धनबाद। डॉक्टरों की काफी कमी होने के कारण धनबाद के ग्रामीण इलाकों में पहले ही स्वास्थ्य उप केंद्रों में डॉक्टर नहीं बैठ रहे थे, अब ग्रामीण इलाकों के लिए एक और बड़ा झटका लगा है।

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चल रहे जिले में पांच चलंत चिकित्सा वाहन (बस) को बेकार (कंडम) घोषित कर दिया गया है। ग्रामीण इलाकों में चलने वाली यह सेवा अब पूरी तरह से बंद हो गई है।

इसकी रिपोर्ट सिविल सर्जन धनबाद कार्यालय ने मुख्यालय को दी है। करार के तहत स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत पांच चलंत चिकित्सा वाहन जिले में चल रहे थे। इसे ग्रामीण इलाकों के लिए जीवन दायिनी कहा जाता है।

पंचायत प्रतिनिधि भी हो रहे परेशान

चलंत चिकित्सा वाहन से ग्रामीण इलाकों में सभी प्रकार की चिकित्सकीय सुविधा मिलती थी। इसमें सामान्य पैथोलॉजी जांच के अलावा इसीजी जांच भी तत्काल हो जाती थी। इसमें डॉक्टर के अलावा नर्स, पैरामेडिकल कर्मचारियों और विशेषज्ञों की टीम होती थी।

ग्रामीण इलाकों में इस वजह से नियमित मेडिकल कैंप लग रहे थे। अब लोग सुविधा से वंचित हो गए हैं। ग्रामीण इलाकों के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य समेत अन्य पंचायत प्रतिनिधि हर दिन स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर रहे हैं। लेकिन अब पता चला है कि यह सेवा बंद हो गई है।

स्वास्थ्य उप केंद्रों में नहीं आते डॉक्टर

धनबाद में आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 144 उप स्वास्थ्य केंद्र है। इन सभी में चिकित्सकों के 125 पद स्वीकृत है। जबकि वर्तमान में मात्र 63 डॉक्टर सेवा दे रहे हैं, बाकी पद खाली हैं।

इस परिस्थिति में केवल शहरी इलाकों में ही लोगों को सेवा मिल पा रही है। जबकि ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्र अधिकतर बंद मिलते हैं। अब दूसरा विकल्प ग्रामीणों को चलंत चिकित्सा सेवा भी नहीं मिल पा रही है।

मामले से मुख्यालय को अवगत कराया गया है जो भी वहां थे वह खराब हो गए हैं। अब नए सिरे से एजेंसियों के साथ करार किया जाएगा। जल्द सेवा शुरू करने की कोशिश की जा रही है। - डॉ. चंद्र भानु प्रतापन, सिविल सर्जन, धनबाद

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