धनबाद के सदर अस्पताल में 4 महीने से नहीं है दवा, बाहर से खरीदने के लिए मजबूर हो रहे मरीज; स्वास्थ्य विभाग भी नहीं गंभीर
धनबाद के सदर अस्पताल में हर रोज बड़ी तादात में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं और इन दिनों मरीजों को दवाओं के लिए खास दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई महत्वपूर्ण दवाएं दवा वितरण केंद्र में नहीं है। ऐसे में बाहर से दवाएं खरीदने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बच रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने भी इस पर कोई गंभीर पहल नहीं की है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। कोर्ट मोड़ स्थित सदर अस्पताल में प्रति महीने डॉक्टर और कर्मचारियों पर भले ही 40 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन मरीजों की दवा के नाम पर स्वास्थ्य विभाग आंखें मूंद कर बैठा है। दरअसल, सदर अस्पताल में पिछले 4 महीने से दवा का अभाव है।
बाहर से खरीदनी पड़ रही दवाएं
कई महत्वपूर्ण दवाएं दवा वितरण केंद्र में नहीं है। इस कारण अस्पताल में आने वाले मरीज को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है। हर दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन दवा को लेकर पिछले चार महीने से स्वास्थ्य विभाग ने कोई गंभीर पहल नहीं दिखाई है।
जिला प्रशासन से वेतन, दवा का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग को
सदर अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारियों की बहाली डीएमएफटी फंड के तहत हुई है। फिलहाल 17 डॉक्टर और डेढ़ सौ के कर्मचारी हैं। इन पर जिला प्रशासन लगभग 40 लाख रुपए हर महीने वेतन के रूप में खर्च कर रहा है।
जबकि सदर अस्पताल में दवा का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से सितंबर 2023 में ही दवा उपलब्ध कराई गई थी। इसके बाद से कोई दवा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
इधर अस्पताल प्रबंधन का कहना है उन्होंने पांच बार सिविल सर्जन कार्यालय को रिमाइंडर भेजा है, इसके बावजूद दवा उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।
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कुपोषण उपचार केंद्र और निकू भी अब तक नहीं खुला
सदर अस्पताल में कुपोषण उपचार केंद्र और नियो नेटल केयर यूनिट (निकू )अब तक नहीं खुल पाया। दरअसल यह दोनों विभाग दवा के अभाव में नहीं खुल पा रहे हैं।
दवा की उपलब्धता सिविल सर्जन कार्यालय से होनी है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब डॉक्टर और संसाधन होने के बावजूद दवा के अभाव में केंद्र नहीं खुल रहे हैं।
सदर अस्पताल में जल्द दवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी प्रक्रिया हो रही है- डॉ चंद्र भानु प्रतापन, सिविल सर्जन, धनबाद।
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