Jharkhand News: 'झारखंड में जातीय जनगणना होगी' कांग्रेस विधायक की घेराबंदी के बाद मंत्री ने भरी हामी; लगाए ये गंभीर आरोप
हेमंत सरकार ने झारखंड में जातीय जनगणना कराने को लेकर फिर से हामी भरी है। मंत्री आलमगीर आलम ने पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव की घेराबंदी के बाद यह बात कही। मंत्री आलमगीर ने कहा कि प्रदेश में सरकार जातीय जनगणना कराएगी। प्रदीप यादव ने पिछले सेशन में दिए गए आश्वासन के बारे में एटीआर का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने जातीय जनगणना कराने की बात कही थी।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार ने प्रदेश में जातीय जनगणना कराने पर फिर हामी भरी है। मंत्री आलमगीर आलम ने पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव की घेराबंदी के बाद कहा कि सरकार जातीय जनगणना कराएगी।
इससे पहले प्रदीप यादव ने पिछले सत्र में दिए गए आश्वासन के आलोक में प्रस्तुत कृत कार्रवाई प्रतिवेदन (एटीआर) का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने जातीय जनगणना कराने की बात कही थी, लेकिन पेश एटीआर में सरकार के विभाग एक-दूसरे पर फेंकाफेकी कर रहे हैं।
इसके कारण जनगणना कराने की दिशा में पांच माह में सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा पाई है। उन्होंने इसका उत्तर दे रहे मंत्री आलमगीर आलम को कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी के विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि वे जातीय जनगणना के पक्षधर हैं। मंत्री ने इस पर जातीय जनगणना कराने की बात दोबारा दोहराया।
राज्य में पिछड़ों की आबादी औसतन 50-60 प्रतिशत
पिछले सत्र के दौरान प्रदीप यादव ने सवाल उठाते हुए कहा था कि राज्य में पिछड़ों की आबादी औसतन 50-60 प्रतिशत है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण मात्र 40 प्रतिशत है। जिला कोटि की सेवाओं में नौ जिलों में प्रतिशत शून्य है। इसके कारण पिछड़ा समुदाय अपने हक व अधिकार से वंचित है।
इसकी आरक्षण सीमा बढ़ाकर 27 प्रतिशत की जाए और जाति समुदाय के लोगों को अवसर देने के लिए जाति आधारित जनगणना कराई जाए। इसपर राज्य सरकार ने कहा कि जाति आधारित जनगणना का विचार राज्य सरकार रखती है। इस निमित्त विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
जाति आधारित जनगणना ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित नहीं
इसके विपरीत एटीआर में उल्लेख किया गया है कि जाति आधारित जनगणना ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित नहीं है। जनगणना का कार्य राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को आवंटित है। इसमें सरकार के स्तर से मार्गदर्शन आवश्यक है। इस संबंध में मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) के स्तर से कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।