Education Day: "विकसित देश बनने के लिए शिक्षा में बड़े बदलाव जरूरी, पढ़ाई में एआई का सीमित प्रयोग ही ठीक"
नई शिक्षा नीति पर यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर डी.पी. सिंह का मानना है कि शिक्षा में बड़े स्तर पर बदलाव के बिना भारत 2047 तक विकसित देश नहीं बन सकता है। केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर शिक्षा में व्यापक निवेश की जरूरत है। 2035 तक उच्च शिक्षा में 50% एनरोलमेंट का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है। इसे हासिल करने के लिए हर स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में समग्र शिक्षा और व्यावहारिक ज्ञान पर जोर दिया गया है। शिक्षा दिवस सीरीज की पहली स्टोरी में हमने बताया कि कैसे प्राचीन भारत में भी इन बातों पर जोर था। नई शिक्षा नीति पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व चेयरमैन और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के चांसलर प्रोफेसर डी.पी. सिंह का मानना है कि शिक्षा में बड़े स्तर पर बदलाव के बिना भारत 2047 तक विकसित देश नहीं बन सकता है। इस बदलाव के लिए केंद्र और राज्य, दोनों स्तर पर शिक्षा में व्यापक निवेश की जरूरत है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 2035 तक उच्च शिक्षा में 50% एनरोलमेंट के लक्ष्य को बहुत महत्वाकांक्षी मानते हुए उनका कहना है कि इसे हासिल करने के लिए हर स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है। प्रो. सिंह से जागरण प्राइम के एस.के. सिंह ने बात की। बातचीत के मुख्य अंशः-