थ्रस्टिंग, गाइडिंग और कंट्रोल सिस्टम में सुधार, लैंडर के मजबूत पैर और अतिरिक्त सेंसर सफल लैंडिंग का कारण: सिवन
आखिर वह घड़ी आ ही गई जिसका देश को बेसब्री से इंतजार था। चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड कर गया। अब वह चंद्रमा को एक्सप्लोर कर ऐसी जानकारियां भेजेगा जो अब तक हमारे पास नहीं थीं। यह चंद्रमा पर पानी और खनिज की भी तलाश करेगा। इसरो के पूर्व प्रमुख के. सिवन मानते हैं कि चंद्रयान-2 से मिले सबक ने ही चंद्रयान-3 की सफलता सुनिश्चित की।
स्कन्द विवेक धर, नई दिल्ली। साल 2019, मौका था चंद्रयान-2 की लैंडिंग का। दुर्भाग्य से चंद्रयान लैंड करने से पहले रास्ता भटक गया और मिशन असफल घोषित हो गया। वह पल हमारे जेहन में आज तक बना हुआ है और साथ ही वह दृश्य भी हम भुला नहीं सकते जिसमें इसरो के तत्कालीन प्रमुख के. सिवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर फूट कर रोने लगते हैं। के. सिवन अब रिटायर हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने पहले ही बता दिया था कि चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा पर अपने कदम रखेगा। उनका मानना है कि चंद्रयान-2 से मिले सबक ने चंद्रयान-3 की सफलता का मार्ग प्रशस्त किया। जागरण प्राइम ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर उनके बात की।