हमें स्किल्ड लेबर की जरूरत, हम चाहते हैं ज्यादा से ज्यादा भारतीय जर्मनी में सिर्फ पढ़ें ही नहीं, काम भी करें: एकरमैन
भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन का कहना है कि दोनों देशों के संबंध पहले कभी इतने अच्छे नहीं थे जितने आज हैं। हम द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के साथ उसमें विविधता चाहते हैं। हम चाहते हैं कि भारतीय छात्र जर्मनी में पढ़ाई करें वहां नौकरी करें। रूस-यूक्रेन युद्ध पर उनका कहना है कि हमने यूक्रेन का पक्ष लिया क्योंकि यह युद्ध हमारे दरवाजे पर हो रहा है।
नई दिल्ली। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी को स्किल्ड मैनपॉवर की जरूरत है। इसके लिए जर्मनी और भारत सरकार मोबिलिटी पार्टनरशिप पर काम कर रही हैं। जर्मनी में भारतीय स्टूडेंट की छवि बहुत अच्छी है और ज्यादातर जर्मन विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों का बांहें फैलाकर स्वागत करते हैं। भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने जागरण प्राइम के सीनियर एडिटर स्कन्द विवेक धर के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में यह बात कही। एकरमैन ने ये भी कहा कि भारत-जर्मनी संबंध अब तक की सबसे अधिक ऊंचाई पर हैं। चीन पर निर्भरता कम करने के लिए जर्मनी निवेश के लिए नए ठिकाने ढूंढ रहा है और भारत उनमें प्रमुख है। वहीं, भारत की जी-20 अध्यक्षता पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि जी-20 अध्यक्ष पद के लिए अब तक की सबसे कठिन परिस्थितियों में भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश...