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'G20 घोषणा पत्र ने यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस को किया अलग-थलग' मैक्रों के दावे पर क्या बोले लावरोव?

भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान जारी घोषणा पत्र (Delhi Declaration) पर रूस और पश्चिमी देशों ने अपने-अपने रुख की पुष्टि करने का दावा किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि यह घोषणा पत्र रूस के अलग-थलग होने की पुष्टि करता है। वहीं रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि पश्चिमी देश G20 का यूक्रेनीकरण करने में विफल रहे।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 11 Sep 2023 02:21 AM (IST)
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'G20 का यूक्रेनीकरण करने में विफल रहा पश्चिम' रूसी विदेश मंत्री के दावे पर क्या बोले फ्रांस के राष्ट्रपति?
नई दिल्ली, पीटीआई। G20 Summit 2023: रूस (Russia) और पश्चिमी देशों ने G20 शिखर सम्मेलन में अपने-अपने रुख की पुष्टि करने का दावा किया है। भारत की अध्यक्षता में G20 शिखर सम्मेलन में शनिवार को सर्वसम्मति से नई दिल्ली घोषणा पत्र (New Delhi Declaration) जारी किया गया था, जिसमें यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के हमले की निंदा करने से बचा गया था।

'रूस के अलग-थलग होने की पुष्टि करता है G20 घोषणा पत्र'

मीडिया से बातचीत में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) ने कहा कि G20 घोषणा पत्र (G20 Declaration) यूक्रेन पर हमले के लिए रूस के अलग-थलग होने की पुष्टि करता है और यह ब्लाक युद्धग्रस्त देश में न्यायसंगत और स्थायी शांति के लिए प्रतिबद्ध है।

'भारत ने दुनिया को दिया एकता और शांति का संदेश'

मैक्रों ने कहा कि G20 राजनीतिक वार्ता का मंच नहीं है और समूह के अधिसंख्यक देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि G20 अध्यक्ष के रूप में भारत ने दुनिया को एकता और शांति का संदेश देने की पूरी कोशिश की, जबकि रूस अभी भी यूक्रेन के विरुद्ध अपनी आक्रामकता जारी रखे हुए है।

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फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि घोषणा में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों को बनाए रखने की आवश्यकता का उल्लेख किया गया है और सभी देशों से क्षेत्रों पर कब्जे के लिए बल की धमकी या उपयोग से परहेज करने का आह्वान किया गया है।

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'G20 का यूक्रेनीकरण करने में विफल रहा पश्चिम'

वहीं, एक अलग प्रेस कान्फ्रेंस में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने कहा कि विकासशील देशों के प्रयासों के कारण पश्चिम G20 का 'यूक्रेनीकरण' करने में विफल रहा। हालांकि, रूस और पश्चिमी ताकतों दोनों ने घोषणा पत्र में यूक्रेन संघर्ष से संबंधित पाठ पर आम सहमति बनाने के लिए भारत की सराहना की।

'ग्लोबल साउथ के प्रतिनिधियों को एकजुट करने में कामयाब हुआ भारत'

लावरोव ने कहा कि भारत G20 के इतिहास में पहली बार ग्लोबल साउथ के प्रतिनिधियों को एकजुट करने में कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में जो कुछ चल रहा है, उसकी G20 के विकासशील देशों के पास सही तस्वीर है। लावरोव ने आरोप लगाया कि यूक्रेन शासन ने अपने देश की क्षेत्रीय अखंडता को खुद ही नष्ट कर दिया है।

'G20 में सहयोग की बुनियाद को हिला रहा यूक्रेन में रूस की आक्रामकता '

एक अन्य प्रेस कान्फ्रेंस में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि यूक्रेन में रूस की आक्रामकता G20 में सहयोग की बुनियाद को हिला रही है। इसके अलावा यह खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में लंबे समय तक वृद्धि जैसे कारकों के माध्यम से विश्व अर्थव्यवस्था पर भारी प्रभाव डाल रहा है। उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया एक जटिल संकट का सामना कर रही है, आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में G20 में सहयोग तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है।

यूक्रेन संघर्ष खत्म करने के लिए वार्ता के विरुद्ध नहीं : लावरोव

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को कहा कि उनका देश यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत के विरुद्ध नहीं है, लेकिन इसमें जमीनी हकीकत और नाटो की आक्रामक नीति के कारण उत्पन्न होने वाले कारणों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि लगभग 18 महीने पहले वे संघर्ष का समाधान करने के लिए एक संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत हुए थे और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए गए थे। उन्होंने पश्चिम पर इसमें बाधाएं पैदा करने का आरोप लगाया।