हम किसी से कम नहीं... लड़कों को पीछे छोड़ आगे निकली लड़कियां, सरकारी स्कूल में ही पढ़ कर लहरा रही परचम
लड़कियां पढ़ाई में बेटों से हर स्तर पर अव्वल है। सरकारी स्कूलों से पढ़ने वाली लड़कियां ज्यादातर निजी स्कूलों में पढ़ने वाले लड़कों से आगे हैं। बेटियों ने अपना प्रदर्शन दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में सरकारी निजी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल सभी में बेटों से अच्छा ही रखा है।लड़कियों की पढ़ाई के ट्रेंड में इस दौरान बदलाव आया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बेटियों को पढ़ाने में समाज का नजरिया भले ही बेटों के मुकाबले अभी भी कमतर या दोयम दर्जे का है, लेकिन पढ़ाई में वह बेटों से हर स्तर पर अव्वल है। इसका अंदाजा देश भर के दसवीं व बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के आंकड़ों से लगाया जा सकता है, जिसमें अकेले दसवीं की परीक्षा में शामिल हुए कुल 173.5 लाख बच्चों में 91.7 लाख लड़के हैं, जबकि लड़कियों की संख्या 81.8 लाख है।
लड़कों से बेहतर है लड़कियों का प्रदर्शन
इनमें ज्यादातर बेटियां सरकारी स्कूलों से पढ़ने वाली है, वहीं ज्यादातर लड़के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले है। यही ट्रेंड बारहवीं में भी है। यह बात अलग है कि परीक्षा में पास होने वाले बच्चों में लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से बेहतर है। वर्ष 2023 में दसवीं की बोर्ड परीक्षा में लड़कों के पास होने का प्रतिशत जहां 83 प्रतिशत था, वहीं लड़कों के पास होने का प्रतिशत 86.9 प्रतिशत था।
बारहवीं की परीक्षा में भी बेटियों ने लहराया परचम
देश भर के सभी शिक्षा बोर्डों के दसवीं व बारहवीं के परीक्षा परिणाम को लेकर सरकार की ओर से कराए गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आयी है। इसके तहत बेटियों का प्रदर्शन दसवीं की तरह बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में भी रहा है। जहां वह बेटों के काफी आगे रही है। वर्ष 2023 की बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में पास होने वाले बच्चों में बेटों के पास होने का प्रतिशत 78.9 था, जबकि बेटियां के पास होने का प्रतिशत 86.3 था।
विज्ञान विषयों की ओर बढ़ा लड़कियों का रुझान
खास बात यह है कि बेटियों ने अपना प्रदर्शन दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में सरकारी, निजी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल सभी में बेटों से अच्छा ही रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक, लड़कियों की पढ़ाई के ट्रेंड में इस दौरान बदलाव आया है। पहले उनकी रुचि जहां मानविकी विषयों को लेकर ज्यादा रहती थी, वहीं अब उनका रुझान विज्ञान विषयों की ओर बढ़ा है।
- वर्ष 2022 में देश भर में बारहवीं के स्तर पर विज्ञान विषयों की पढ़ाई करने वालों में इनकी संख्या जहां 42 प्रतिशत थी, वहीं 2023 में यह संख्या बढ़कर 43 प्रतिशत हो गई है।
- मानविकी विषयों की पढ़ाई में 2022 में जहां उनकी संख्या 40 प्रतिशत थी, 2023 में वह घटकर 39 प्रतिशत हो गई है।
- कॉमर्स विषयों में पढ़ाई करने का रुझान भी घटा है, जो 2022 में 14 प्रतिशत था , जबकि 2023 में घटकर 13 प्रतिशत पर आ गया है।
17 राज्यों में दसवीं में छात्रों के फेल होने की संख्या घटी
बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कराए गए इस अध्ययन में छात्रों की पढ़ाई में सुधार भी देखने को मिला है। अकेले दसवीं की बोर्ड परीक्षाओं में मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर जैसे 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में छात्रों के फेल होने की संख्या 2022 के मुकाबले कम हुई है।
इस दौरान झारखंड, पंजाब, हरियाणा, नई दिल्ली जैसे 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे भी रहे है, जहां दसवीं में छात्रों के फेल होने की संख्या 2022 के मुकाबले बढ़ी है। वहीं बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में यह ट्रेंड बदला हुआ दिखा। बिहार, उत्तराखंड सहित देश के सिर्फ सात राज्यों में ही फेल होने वाले छात्रों की घटी पायी गई है, जबकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे 22 राज्यों में फेल होने वाले छात्रों की संख्या वर्ष 2022 के मुकाबले बढ़ गई है।
गौरतलब है कि सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर यह अध्ययन वर्ष 2022 और वर्ष 2023 के आंकड़ों के आधार पर किया है।